20151219

जो कुछ हूं डांस की वजह से हूं : हेमा मालिनी


उन्हें कभी वक्त को बर्बाद करना पसंद नहीं. वे अपने गर्भवस्था के दौरान भी काम को ही तवज्जो दे रही थीं. खास कर क्लासिकल डांस को लेकर वे हमेशा सजग रही हैं और उनकी कोशिश रही है कि भारत में इसे खास पहचान मिले. नयी प्रतिभाओं को मौके मिले. अपनी संस्था जय स्मृति के माध्यम से उन्होंने नयी प्रतिभाओं को निखारा भी है.फिल्मों में क्लासिकल डांस के उन्होंने नये मुहावरे गढ़े हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी की. 
हेमा जी, जया स्मृति को लेकर आज भी आप काफी भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई हैं. कई नये टैलेंट्स को भी मौके मिले हैं. जया से जुड़े अपने अनुभव शेयर करें.
जैसा कि सभी जानते हैं कि मेरी मां काफी बड़ी आर्टिस्ट थीं, उनके पास कला का भंडार था. और वे डांस को लेकर बहुत सजग थी. वे इसे काफी गंभीरता से लेती थी.और वे हमेशा चाहती थीं कि उनके बच्चे भी इसमें पारंगत हों और उनके बच्चे हुए भी. मेरी मां की लीजेसी को मैं आगे लेकर चलना चाहती हूं और बरकरार रखना चाहती हूं और इसी वजह से हमें जया स्मृति की शुरुआत की थी. जया स्मृति के माध्यम से हम नये टैलेंट्स को बढ़ावा देते हैं. हर साल हम इसका बड़ा आयोजन करते हैं और परफॉरमेंस करवाते हैं. पिछले 2 सालों से ब्रेक आया था.लेकिन इस बार फिर से हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं. खास बात यह है कि इस बार मंै परफॉर्म नहीं करूंगी न ही मेरी बेटियां करेंगी. हम नये लोग को मौके देना चाहते हैं. इस बार ओड़िसा के बेहतरीन कलाकार आ रहे हैं और मैं इस बात को लेकर काफी खुश हूं. मुझे अक्सर लोग कहते हैं कि आप डांस कीजिए. आप परफॉरमेंस दीजिए. मैं उन लोगों को समझाना चाहती हूं कि मैं आखिर कब तक करती रहूं. नये लोगों को बढ़ावा क्यों नहीं देना चाहते लोग़. मेरी कोशिश प्लैटफॉर्म देना है.
हेमाजी, आपकी चर्चा जब भी लोग करते हैं. आपकी खूबसूरती की चर्चा किये बगैर नहीं रह पाते. बतौर ड्रीम गर्ल आपके लिए खूबसूरती की क्या परिभाषा है?
मैं कभी नहीं बता सकती या बता पाऊंगी कि मेरी खूबसूरती का राज क्या है. हां, बस मेरे लिए ये बातें मायने रखती हैं कि मैंने अपनी जर्नी को बहुत अच्छे तरीके से जिया है. शायद मैं हमेशा खुश रही हूं. इस वजह से मेरे चेहरे पर चमक बरकरार रहती है. दूसरी बात यह भी है कि डांस ने मुझे खूबसूरत बनाये रखा है. मुझे लगता है कि मैं स्टार और कलाकार तो बाद में बनी. मैं सबसे पहले एक डांसर हूं और अगर डांस नहीं होता तो मैं भी कुछ नहीं होती. बिना डांस के मैं कुछ नहीं. सो, मेरी खूबसूरती का सारा श्रेय मेरी माताजी को जाता है, जिन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया.
हाल में आप नानी बनी हैं. बेटी को जब मां बने देखती हैं तो अपने मातृत्व जीवन की यादें ताजा होती हैं?
जी हां, बिल्कुल. आज जब बेटी को मां बनते देख रही हूं तो लगता है कि जिंदगी में सबकुछ हासिल कर लिया है. मुझे अपने दिन याद आ जाते हैं. मैं जब मां बननेवाली थी पहली बार. तो मैंने गर्भावस्था के आठ महीने तक काम किया था. चूंकि मुझे घर पर बैठना पसंद नहीं था. मैं कभी काम से डिस्ट्रैक्ट नहीं हुई. मेरे निर्देशक इस बात से बहुत खुश रहते थे कि मैं समर्पित होकर काम करती थी. फिर मैं मां बनी. दो बेटियों की मां और इससे सुखद अहसास और कुछ नहीं हो सकता. अहाना ने एक दिन मुझसे कहा कि यह नर्स उसके बच्चे के साथ इतना रहती है. कहीं ऐसा तो नहीं होगा कि उनका बच्चा अहाना से दूर होकर नर्स से अधिक करीबी हो जायेगा. तब मैंने उसे समझाया कि हर मां को ऐसा लगता है. मुझे भी लगता था. लेकिन मेरी मां ने भी मुझे यही समझाया था और मैं तुम्हें भी यही समझा रही हूं कि ऐसा कुछ नहीं होता. इसलिए इनसेक्योर होने की जरूरत नहीं. मैं अहाना के एहसास को समझ सकती. आखिर मैंने भी वह दौर देखा है. अहाना का बेबी मुझसे काफी क्लोज है. हर सुबह उसे देख कर मुझे बहुत खुशी मिलती थी. अब वह मुंबई अपने घर जा चुका है. 
क्लासिकल डांस को भारत में इन दिनों अधिक प्रोमोट नहीं किया जा रहा है?
इस बारे में आपकी क्या राय है?
हां, यह हकीकत है. और मुझे इस बात की बहुत तकलीफ है. पहले फिल्मों में क्लासिकल डांस दिखाये जाते थे. तो लोगों तक बात पहुंचती थी. लेकिन अब बिल्कुल नहीं दिखाये जाते. फिल्मों में आजकल बॉलीवुड नंबर के नाम पर अलग ही चीजें हो रही हैं, पता नहीं उस डांस को क्या कहते हैं. लेकिन विदेशों में लोग बॉलीवुड डांस को ही इंडियन डांस मान लेते हैं. तो मुझे काफी तकलीफ होती है. हम जैसे लोगों को आगे आना होगा, तभी क्लासिकल डांस बचा रहेगा. मैं इसलिए क्लासिकल डांसिंग के लिए इतना काम करती हूं और आगे भी कोशिशें जारी रहेंगी.

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