20151216

मोनोलॉग से बनी सिग्नेचर पहचान : कार्तिक आर्यन


फिल्म प्यार का पंचनामा 2 जिन्होंने भी देखी है, वे कार्तिक आर्यन के मोनोलोग की तारीफ करते नहीं थकते. इस फिल्म से ट्रेड पंडितों व समीक्षकों को खास उम्मीदें नहीं थी. लेकिन फिल्म की रिलीज के बाद इस फिल्म ने सारे मिथकों को तोड़ दिया. प्यार का पंचनामा 2 सुपरहिट साबित हुई है. हाल ही में फिल्म ने थियेटर में 50 दिन पूरे किये. किसी स्टारविहीन फिल्म के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. इसी सिलसिले में फिल्म के मुख्य कलाकार कार्तिक आर्यन ने अनुप्रिया अनंत से बातचीत की.
कार्तिक, प्यार का पंचनामा 2 को इस कदर प्यार मिलेगा. यह उम्मीद थी?
जी नहीं, बिल्कुल इतनी उम्मीद नहीं थी. लेकिन विषय पर पूरा विश्वास था. खासतौर से फिल्म की भाषा को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रियाएं लोग दे रहे हैं. वह कमाल का है. मैं खुश हूं कि प्यार का पंचनामा के पहले संस्करण से भी अधिक यह फिल्म हिट हुई है. अब राहें तो थोड़ी आसान हो जायेंगी.
आप जैसे नवोदित कलाकार इतनी बड़ी सफलता को किस तरह देखते हैं. आगे की क्या योजना है?
जाहिर है, हर कलाकार इसी प्रशंसा का भूखा होता है. आपकी फिल्में जब बॉक्स आॅफिस पर सफल हो जाती हैं तो हर निर्देशक आपको रिपीट करने का रिस्क उठाता है. यहां हर फ्राइडे तकदीर बदलती है.तो मैं किसी गफलत में नहीं हूं. मैं लगातार मेहनत कर रहा हूं और खुद को साबित करने की कोशिश कर रहा हूं. खुशी इस बात की है कि अब मेरे पास ऐसी फिल्में आने लगी हैं, जैसे मैं करना चाहता था.
किस तरह की फिल्में आप करना चाहते हैं?
मेरी बेहद इच्छा है कि मैं एंटी हीरो किरदार निभाऊं, या फिर कोई ऐसे किरदार जिसमें बहुत सारे शेड्स हो. रॉकस्टार जैसी फिल्म करने का मौका मिले तो वह मेरी खुशनसीबी होगी. मैं परतों वाली फिल्में करना चाहता हूं. जहां एक किरदार को कई तरह के किरदार करने के मौके मिले. मैं टाइपकास्ट नहीं होना चाहता हूं. साथ ही अभी कुछ ऐसी प्लानिंग नहीं की है, अभी बहुत चूजी नहीं हो सकता. फिलहाल तो कोशिश है कि सिर्फ काम करना है.
आपके मोनोलॉग की काफी चर्चा हुई. 
जी हां, सबसे आश्चर्य की बात यह है मेरे लिए कि लड़कियां इसकी फैन हैं. मैं हाल ही में एक कॉलेज में गया था तो वहां लड़कियों की डिमांड थी कि मैं वह मोनोलॉग सुनाऊं. तो खुशी होती है कि लोगों ने इसे फन के रूप में लिया है. पुरुषवादी सोच वाली बात नहीं कही है. हर कलाकार का जब कुछ संवाद सिग्नेचर बन जाता है तो उसे खुशी मिलती ही है, जिससे कि लोग आपको याद रखते हैं. तो आपको खुशी मिलती ही है. जैसे अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कलाकार...तो मुझे यकीन है कि लोग मुझे मेरे इस मोनोलॉग से याद रखेंगे. यह एक खास उपलब्धि है मेरे लिए.जहां भी यह बातें दोहरायी जायेंगी मेरा जिक्र होगा. 
आपकी फिल्म ने 50 दिन पूरे कर लिये हैं. हाल के दौर में जहां फिल्में जल्द ही परदे से उतर जाती है. यह भी एक बड़ी कामयाबी है?
जी हां, बिल्कुल मुझे बहुत खुशी मिली थी. जब मैं दो हफ्ते बाद अपने पेरेंट्स के साथ सिनेमाघर में गया था और वहां मेरी फिल्म हाउसफुल चल रही थी. टिकट्स नहीं मिले तो बहुत खुशी हुई थी. फिर मैं कई सिनेमाघरों में दर्शकों के बीच जाकर फिल्म देख रहा था और लोग हंस कर लोट पोट हो रहे थे. तालियां और सीटियां बना रहे थे. तो बहुत खुशी मिली थी. मुझे याद है डीडीएलजे जैसी फिल्में 50 दिन चलती थी तो बड़ी कामयाबी हुई थी. बाद में वह कई सालों तक चलीं. तो प्यार का पंचनामा 2 के लिए यह छोटी कामयाबी भी बड़ा कीर्तिमान है. आगे भी उम्मीद करता हूं कि मुझे दर्शक यूं ही पसंद करें. 

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