20150905

नाना और विदर्भ के किसान

नाना पाटेकर उन अभिनेताओं में से एक हैं, जो बातचीत के वक्त सिर्फ अपनी फिल्म के प्रोमोशन पर ध्यान नहीं देते. वे एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से बातचीत करते हैं और सिर्फ चिंतन नहीं करते, बल्कि हल निकालने की भी कोशिश करते हंै. हाल ही में अपनी फिल्म वेलकम बैक के प्रोमोशन के दौरान नाना ने अपनी बात रखी है कि वे विदर्भ में हो रही किसानों की आत्महत्या से परेशान हैं. उन्होंने किसानों से अपील भी की है कि वे आत्महत्या न करें. नाना को फोन करें. नाना  ने अपनी तरफ से काफी लोगों की मदद भी की है और कई एनजीओ के माध्यम से वे अधिकतर किसानों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. नाना मानते हैं कि वह कोई उपकार नहीं कर रहे. वे खुद किसान हैं, इसलिए किसानों का दर्द समझ सकते हैं. निस्संदेह नाना उन सेलिब्रिटी किसानों की तरह नहीं हैं, जिनके आलिशान बंगलो की तरह फार्म हाउस हैं और वे शौक से बागवानी करते हैं. लेकिन विदर्भ को लेकर वे बातचीत भी नहीं करना चाहते. गौरतलब है कि इस बार महाराष्टÑ में पर्याप्त बारिश न हो पाने की वजह से किसान परेशान हैं. और आत्महत्या की खबरें लगातार आ रही हैं. नाना सेलिब्रिटी होने के साथ साथ एक महत्वपूर्ण कार्य भी कर रहे हैं. उनके बेटे मल्हार इस बारे में कई बार चर्चा भी कर चुके हैं कि नाना साहेब जब घर पर भी होते हैं तो वे एकांत पसंद करते हैं और वहां भी वे जरूरतमंदों की सेवा करते हैं.उनके घर में महंगे फर्निचर नहीं हैं. बस जरूरत का सामान है. जिस मुकाम पर नाना हैं, वहां आम रह पाना कठिन है. खासतौर से जब वह वेलकम बैक जैसी ग्लैमरस फिल्म का हिस्सा बनते हैं तो उनकी आॅन स्क्रीन छवि को देख कर शायद लोग धोखा खा जायें, लेकिन हकीकत यही है कि नाना आम लोगों की तरह जीने में ही विश्वास करते हैं और दूसरों की मदद करना उन्हें पसंद हैं.

No comments:

Post a Comment