20150318

छोटे शहर में लोकप्रियता


आलिया भट्ट ने हाल ही में कहा कि उन्हें संतुष्टि है कि अब उनकी फैन फॉलोइंग छोटे शहरों में भी हो गयी है. इसका प्रमाण उन्हें इस बात से लगा है कि हाल ही में वह किसी छोटे शहर में प्रोमोशन के सिलसिले में गयी थीं. वहां उन्होंने एक मोहल्ले में एक लेडीज ब्यूटी पार्लर देखा, जहां उनके पोस्टर लगे हुए थे. आलिया का मानना है कि वे भी जब छोटी थीं और किसी छोटे शहर में जाती थीं और रेखा, माधुरी दीक्षित, दिव्या भारती की तसवीरें देखा करती थीं तो उन्हें लगता था कि वे भी कभी इस तरह की लोकप्रियता हासिल करें. यह सच है कि आलिया किचन में नहीं जातीं. वे काफी नाजो नखरे से पली बढ़ी हैं. इन दिनों उन पर कई चुटकुले बन रहे हैं और वे लोकप्रिय भी हो रहे हैं. आलिया अन्य मुद्दों पर चाहे जिस तरह से भी जवाब दें. लेकिन अपनी लोकप्रियता को लेकर उन्होंने अपनी पारखी नजर रखी है. हां, यह हकीकत है कि छोटे शहरों की लोकप्रियता के अपने मापदंड हैं. मुझे याद है जब सलमान की फिल्म तेरे नाम आयी थी. उस वक्त कॉलेज की अधिकतर लड़कियों ने क्लास बंक कर सलमान की यह फिल्म देखी थीं. रांची के सुजाता सिनेमा हॉल में टिकट ब्लैक में बिके थे. सलमान उस वक्त एक बार से छोटे शहरों के हीरो के सरताज के रूप में उभरे थे. मीरा रोड के पार्लर में मधुबाला और माधुरी दीक्षित की ही तसवीरें हैं. हाल ही में सोनाक्षी जब आगरा में एक फिल्म की शूटिंग कर रहीं थीं. वहां के लोग उन्हें दबंग गर्ल  कह कर ही पुकार रहे थे. उन्हें वैनिटी से बाहर तक आने में परेशानी हो रही थी. गोविंदा की फिल्में छोटे शहरों में आज भी लोग देखना पसंद करते हैं. कुमार सानू के गीत आज भी वहां कर्णप्रिय हैं. चूंकि अब भी छोटे शहरों में लोकप्रियता की धुन दिल से सुनी सुनाई जाती है. उस पर अब भी आधुनिकता का पूरा प्रभाव नहीं पड़ा.और अच्छा है. कुछ शहरों को ज्यों के त्यो छोड़ देना.

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