20150318

हर व्यक्ति की दो आवाजें होती हैं : विक्रमजीत सिंह

फिल्म रॉय की काफी चर्चा हो रही है. पेश है फिल्म के लेखक व निर्देशक विक्रमजीत सिंह  की खास बातचीत
आपकी पहली फिल्म रॉय रिलीज हो रही है. कैसा अनुभव रहा?
बचपन से ही फिल्में देखने और फिल्मों में कुछ  करने की तमन्ना रही है. लेकिन मेरे पिता चाहते थे कि मैं पहले अपनी पढ़ाई पूरी कर लंू. उसके बाद फिल्मों में करियर बनाने को लेकर कोई निर्णय लूं. पिता के आदेश का पालन करते हुए पढ़ाई करने के लिए मैं न्यूयॉर्क चला गया था. वहां मैंने चार साल तक मैनेजमेंट की पढ़ाई की. फिर दो साल तक अमरीका में ही नौकरी की. उसके बाद फिल्मों में दिलचस्पी होने की वजह से मुंबई वापस आ गया. जाहिर सी बात है हर पेरेंट्स की तरह मेरे पिता भी मुझसे काफी नाराज हुए,. लेकिन मुझे खुशी है कि आखिरकार मेरी पहली फिल्म रिलीज होने जा रही है.
फिल्म को लेकर काफी चर्चा है.फिल्म के बारे में थोड़ी जानकारी दें?
यह कहानी दो निर्देशकों की है. कबीर और आयशा. कबीर के चरित्र में अर्जुन रामपाल हैं और आयशा का किरदार जैकलीन निभा रही हैं. रॉय एक चोर हैं और रॉय की भूमिका रणबीर निभा रहे हैं. फिल्म में रॉय की भूमिका को लेकर ही खासियत है. वह क्या है. यह आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. फिल्म में कबीरा कहानियां लिखते हैं.
फिल्म की क्या बातें दर्शकों को आकर्षित करेंगी?
इस वक्त पूरी कहानी नहीं बता सकता. आज ही फिल्म रिलीज हुई है. दर्शकों को फिल्म देख कर इसका मजा लेने दीजिए.  फिल्मकार अपनी कहानी को किस तरह दर्शाता है. दर्शक उसी अंदाज को पसंद और नापसंद करते हैं. इसी तरह मेरी फिल्म की कहानी रॉय और कबीर नामक दो इंसानों की है. रॉय और कबीर का क्या रिश्ता है. वह किस तरह एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. यही कहानी का टिष्ट्वस्ट है. इस कहानी के पीछे मेरी यही सोच है कि हर इंसान में दो तीन आवाजें छिपी होती हैं. इस फिल्म में भी कबीर के अंदर दो आवाजें हैं. एक कबीर और दूसरा रॉय. इसके अलावा मैंने फिल्म को मलेशिया में फिल्माया है.
खबर थी कि आप यह फिल्म वियतनाम में फिल्माना चाहते थे. फिर वहां जाना संभव क्यों नहीं हो पाया?
हर फिल्मकार की यह जरूरत होती है कि वह अपने दर्शकों को अलग अलग जगहों की सैर कराये. फिल्मों के माध्यम से. मेरी भी इच्छा कि वियतनाम में फिल्म की शूटिंग करूं, क्योंकि वहां घने जंगल हैं, वहां के समुद्री बीच बहुत अलग है. लेकिन सभी इस बात के लिए तैयार नहीं हुए तो मुझे मलेशिया में ही शुट करना पड़ा.
फिल्म के कलाकारों के बारे में कुछ बताएं?
फिल्म बफी्र को देख कर मैं रणबीर कपूर से बहुत प्रभावित हुआ था. बर्फी में जिस तरह उन्होंने एक गूंगे लड़के का किरदार निभाया. वह हर कलाकार नहीं निभा सकता था. जब मैंने स्क्रिप्ट पूरी कर ली तो मुझे एहसास हुआ कि हमारी फिल्म में रणबीर कपूर जैसा कलाकार चाहिए. मैंने उसे अपनी स्क्रिप्ट भेजी. स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद रणबीर ने मुझे फोन करके कहा कि वह रॉय का किरदार निभाना चाहेगा. मुझे खुशी हुई और आश्चर्य भी, क्योंकि हमारी फिल्म का नाम भले ही रॉय हो. लेकिन वह लीड किरदार नहीं है. लेकिन यह अलग सा किरदार है. सो, मुझे बेहद खुशी है कि रणबीर जैसे कलाकार फिल्म से जुड़े हैं. अर्जुन की रॉक आॅन और राजनीति देख कर मैंने उन्हें साइन की. जैकलीन की मैंने कोई फिल्म नहीं देखी है. लेकिन हम पहले कई बार मिल चुके थे और मैं उनके व्यक्तित्व से प्रभावित था. इसलिए मैंने उन्हें फिल्म में साइन कर लिया.
आपके पसंदीदा निर्देशक कौन कौन हैं?
मुझे राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्में पसंद हैं. फरहान अख्तर, दिबाकर बनर्जी  पसंद हैं. लेकिन मैंने किसी की नकल नहीं की है फिल्म में. 

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