20150130

औरत होने का मजा व जमाना


इन दिनों एक वाशिंग पाउडर के विज्ञापन में दो महिलाएं आपस में बात कर रही होती हैं कि हमारे जमाने में कितनी कम सैलरी मिला करती थी. तो दूसरी बोलती है कि अब देखो, मेरी बहू मेरे बेटे से ज्यादा कमाती है.औरत होने का मजा तो इस जमाने में है. तभी बेटे की आवाज आती है, जो अपनी पत् नी से शिकायत कर रहा होता है कि उसने पति की शर्ट क्यों नहीं धोयी. इसके बाद विज्ञापन में एक बेहतरीन टैगलाइन है कि क्या कपड़े धोना केवल लड़कियों का ही काम है. यह विज्ञापन थियेटर में बेबी फिल्म की शुरुआत से पहले दिखाया गया. और फिर फिल्म शुरू होती है, जिसमें मासूम सी दिखने वाली अभिनेत्री तापसी पन्नू एक क्रिमनल के साथ होटल के कमरे में फंसी है. वह अपने बॉस को फोन करती है तो बॉस बोलता है कि उसे बिजी रखो आता हूं. अभिनेत्री अपने बाल बांधती है और उस क्रिमनल से अकेली ही भिड़ जाती है. अपने बॉस के आने तक वह क्रिमनल को लहुलुहान कर चुकी होती है. बॉस उसे आश्चर्य से देखता है. जाहिर है उसके बिजी रखने का मतलब किसी और संदर्भ में था. लेकिन अभिनेत्री ने अपनी कुशलता का प्रमाण दिया. इसी शुक्रवार रिलीज हुई फिल्म डॉली की डोली में डॉली को प्रेम में धोखा मिलता है. लेकिन जिस प्रेमी ने उसे धोखे दिये हैं वह दोबारा उसे अपनी पत् नी बना कर खुश है. उसे लगता है कि आखिर उसकी जीत हुई. लेकिन डॉली उससे इस अंदाज में अपना हिसाब बराबर करती है. दरअसल, हमारे सामाजिक ढांचे में   काम करने की जिम्मेदारियां औरतों को और कारनामें करने की जिम्मेदारियां पुरुषों को सौंपी गयी है. यह विज्ञापन यह दर्शाता है कि दौर कितना भी बदला हो.सोच अब तक नहीं बदली है. लेकिन फिल्मों के माध्यम से छोटे छोटे ही सही लेकिन महिलाओं को हर रूप में सुदृढ़ और मजबूत दिखाने की मुहिम अच्छी है. 

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