20140910

चाचा चौधरी के प्राण


 चाचा चौधरी का दिमाग तो कंप्यूटर से भी तेज चलता है...बचपन की ढेर सारी यादें उनसे जुड़ी हैं. कॉमिक की दुनिया में एक दौर में चाचा चौधरी और साबू ने एकल राज किया है. इस साम्राज्य को स्वरूप देने वाले, बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लानेवाले प्राण अब हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन यह उनकी सृजनशीलता का ही कमाल है. जो वह दशकों याद किये जायेंगे. कॉमिक की दुनिया में पहले जब केवल अंगरेजी कार्टून और किरदारों का दौर था. उस दौर में प्राण साहब ने चाचा चौधरी और साबू जैसे बिल्कुल ठेठ किरदारों को लांच किया. और वह लोकप्रिय हुए. चाचा चौधरी साबू की मदद से हर मुश्किल का आसान कर जाते थे. वह किसी देसी सुपरमैन से कम नहीं थे. कॉमिक की दुनिया में जो किंगडम चाचा चौधरी ने स्थापित किया. वह आज भी कायम है. शायद अब आनेवाले  जेनरेशन के बच्चे चाचा चौधरी से वाकिफ न हों. लेकिन हमने एक बेहतरीन दौर देखा है. चाचा चौधरी जीवन का हिस्सा बन चुके थे.हम बातों बातों में दोस्तों के बीच कहते...चाचा चौधरी समझते हो क्या खुद को और जो वाकई बुद्धिजीवी होते. उन्हें हम चाचा चौधरी के नाम से ही पुकारते. लेकिन अफसोस की बात यह है कि हमें अपने धरोहर को सहजेने के गुण नहीं मालूम. सो, हम इस तरह के सृजन को हल्के में ही लेते हैं. हमारे अपने घर परिवार में हमने रद्दियों में चाचा चौधरी की कॉमिक्स बेंच दी है. लेकिन अगर आप रद्दी वाले के पास भी जायें तो उस दौर में चाचा चौधरी की कॉमिक्स ही सबसे ज्यादा नजर आती थीं और इससे अनुमान लगाया जा सकता था कि वह कितने लोकप्रिय हैं. चाचा चौधरी में प्राण भरने वाले प्राण आज जब हमारे बीच नहीं हैं. तो शायद कई लोगों को प्राण साहब के बारे में जानकारी मिली. वरना, हमारे लिए वही कार्टून कैरेक्टर हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं.

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