20140910

विज्ञापन और सेलिब्रिटी


चीन में जल्द ही कानून लागू होगा. कि सेलिब्रिटिज उन उत्पादों का विज्ञापन न करें, जिन्हें उन्होंने इस्तेमाल न किया हो. जी हां, कानून के मुताबिक सेलिब्रिटिज को पहले उन विज्ञापनों का इस्तेमाल कर उनकी कमियां जाननी होगी और फिर अगर वे संतुष्ट हों और लंबे समय तक उसे इस्तेमाल करने का दावा करें तभी वह आगे उस उत्पाद के ब्रांड अंबैस्डर बन सकते हैं. इस बात को लेकर चर्चे की बात तब सामने आयी, जब प्रसिद्ध अभिनेता तांग गोकियांग से एक सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति ने पूछ डाला कि क्या मशीन का विज्ञापन करने के लिए उनके पास बुलडोजर का लाइसेंस है. वाकई यह एक जरूरी कानून होगा. फिल्मी इंटरव्यू के दौरान कई बार अभिनेता और अभिनेत्रियों के घर जाने के मौके मिले हैं. उनके स्रानघर में कोई भी वैसे प्रोडक्टस नहीं दिखते. वहां या तो विदेशी प्रोडक्ट्स दिखते हैं या आयुर्वेदिक जिनके वे विज्ञापन करते हैं. क्या अनुष्का शर्मा ने कभी नारियल तेल को हाथ भी लगाया होगा, क्या अमिताभ उस ठंडे तेल का इस्तेमाल करते होंगे. एक बार अभिनेत्री असीन ने कोल्ड ड्रिंक के विज्ञापन के प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कह दिया था कि वे कोल्ड ड्रिंक नहीं पीतीं. बाद में उनके पीआर ने मीडिया को मैनेज किया ताकि खबर अखबार में प्रकाशित न हो जाये. दिलीप कुमार हमेशा इस बात के खिलाफ रहे कि कलाकारों को किसी विज्ञापन का हिस्सा बनना चाहिए. वे कई बार अमिताभ को सलाह देते रहे हैं. रजनीकांत भी विज्ञापनों का हिस्सा नहीं बनते. चूंकि वे मानते हैं कि अगर उनके कोई गलत प्र्रभाव हुए तो इसके जिम्मेदार वे होंगे. लेकिन बॉलीवुड के कलाकारों को इससे खास फर्क नहीं पड़ता.चूंकि एक सेलिब्रिटी की जिम्मेदारी बड़ी होती है. यह हकीकत है कि भारत में लड़कों को गोरे बनाने वाली क्रीम की खपत की सबसे बड़ी वजह उस विज्ञापन में एक बड़े सुपरस्टार का होना है.  

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