20140510

आॅस्कर में कुश


कुश नामक एक शॉर्ट फिल्म है. जिसका चयन आॅस्कर मेंं किया गया है. कुश एक ऐसे स्टूडेंट की कहानी है, जो अपनी कक्षा में एकमात्र सिक्ख है. यह फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है. एक टीचर है जो अपनी फील्ड ट्रिप से वापस आता है और उस 10 साल के सिक्ख बच्चे को बचाने की कोशिश करता है. यह फिल्म सुभाशिष भुटानी ने बनायी है. सुभाशिष भारतीय मूल के निवासी हैं और विदेश में रहते हैं. सुभाशिष की इस फिल्म की जानकारी यू टयूब से मिली. इस फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद तुरंत मैंने यूटयूब पर 1984 के दंगे को लेकर बनी बीबीसी की कई डॉक्यूमेंट्री भी देखी. इस लिहाज से सुभाशिष ने इस विषय पर एक महत्वपूर्ण फिल्म बनाई है. हां, यह हकीकत है कि हम इतिहास को पीछे छोड़ते जा रहे हैं. हमें 1984 के दंगों से अब कुछ लेना देना नहीं. शायद नयी जेनरेशन इसके बारे में जानना भी न चाहे. लेकिन सुभाशिष ने इतने गंभीर मुद्दे को फिल्म कुश के माध्यम से जिस खूबसूरती और सरलता से दर्शाया है. हिंदुस्तान के लिए यह आवश्यक फिल्म है. लेकिन अफसोस है कि आॅस्कर में नामांकन होने के बावजूद इस फिल्म की खास चर्चा नहीं है. लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. वजह यह भी हो सकती है कि इस फिल्म को लोकप्रिय न करने की भी कोशिश की जा रही हो. लेकिन सुभाशिष की तरह ही वर्तमान के निर्देशकों को ऐसे विषय जो महत्वपूर्ण हैं. लेकिन केवल इतिहास के पन्नों तक ही सीमित हैं. उन्हें उकेरना चाहिए. देशभक्ति फिल्में बनाने के लिए अब निर्देशकों के पास वक्त नहीं. लेकिन इतिहास के इन महत्वपूर्ण पड़ावों को फिल्मों के माध्यम से सरलता से समझा और सिखा जा सकता है. सो, ऐसी फिल्में अहम हिस्सा हैं. भारत में भी इस तरह की शॉर्ट फिल्मों को बढ़ावा मिले तो बेहतर तसवीर बन सकती है. 

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