20131024

सेलिब्रिटी और मेडिकल साइंस


 ऐश्वर्य राय बच्चन ने हाल ही में घोषणा की है कि वे अपनी बेटी आराध्या के स्टेम सेल को संरक्षित( प्रीजर्व) करवायेंगी. ऐश्वर्य राय बच्चन ने हाल ही में एक कार्यक्रम में यह सूचना दी कि वे यह कदम इसलिए उठा रही हैं क्योंकि यह उनके बेटी के भविष्य के सेहत के लिए लाभदायक साबित होगा. और उन्हें हमेशा से सेहत से संबंधित विषयों, तकनीक और विज्ञान की नयी चीजों के बारे में जानकारी हासिल करने में दिलचस्पी रही है. ऐश्वर्य राय से पहले मंदिरा बेदी ने भी इसी तरह अपने बच्चों के स्टेम सेल को संरक्षित किया. निश्चित तौर पर आम लोग इस प्रक्रिया से कम अवगत हैं. लेकिन अब चूंकि सेलिब्रिटी दुनिया की एक बड़ी हस्ती इससे जुड़ रही है. तो निश्चित तौर पर लोगों की जानकारी बढ़ेगी. इससे पहले सरोगेसी को लेकर आम लोग उतने जागरूक नहीं थे. जितने अब हैं. चूंकि आमिर खान और शाहरुख खान जैसी हस्तियों ने सरोगेसी का माध्यम चुना तो मीडिया ने भी इसे पूरा तवज्जो दिया. वरना, यह हमारी विडंबना है कि हमारे भारत में सेहत व स्वास्थ्य व विज्ञान व तकनीक को लेकर लोगों में वह जागरूकता नहीं. हम हर दिन आये नये फैशन ट्रेंड पर नजर रखते हैं. लेकिन विज्ञान या मेडिकल साइंस में हुए नयी खोज, प्रयोग के बारे में न तो जानकारी रखते हैं और न ही दिलचस्पी. हां, मगर जैसे ही किसी सेलिब्रिटी का नाम इससे जुड़ता है. लोगों को दरअसल, यह जानने में मजा आता है कि आखिर यह तकनीक क्या है और उस सेलिब्रिटी ने इसका सहारा क्यों लिया. ऐश कभी नेत्रदान को लेकर लोगों को जागरूक करती नजर आती थीं. उनकी वजह से उस दौर में कई लोगों ने नेत्रदान करना शुरू किया था. लेकिन जरूरत यह ैह कि हम अपनी जिम्मेदारी समझ कर इस ओर जागरूक हों न कि किसी सेलिब्रिटी तकी वजह से. चूंकि विषय अपनी सेहत का है.

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