20130903

ेंआंखों से प्यार बयां करती है लुटेरा


सोनाक्षी सिन्हा  लुटेरा को अब तक की अपनी सबसे कठिन फिल्मों में से एक मानती हैं . लेकिन साथ ही साथ वे यह भी मानती हैं कि इस फिल्म की मेकिंग उनकी जिंदगी के यादगार पलों में से एक रहेंगे. चूंकि इस फिल्म में उन्होंने एक साथ भारत के कई हिस्सों का दर्शन किया. वहां की आम जिंदगी को करीब से जाना. मुंबई में पली बढ़ी सोनाक्षी के लिए लुटेरा का सफर बेहद खास रहा. चूंकि इस फिल्म के माध्यम से उन्होंने कई जिंदगी को एक साथ जी लियाय
ेंसोनाक्षी इस फिल्म में 50 के दशक की माशूका का किरदार निभा रही हैं. क्यों है ये प्रेम कहानी अलग बता रही हैं खुद सोनाक्षी सिन्हा

त्रसोनाक्षी आपने अब तक जितने भी किरदार निभाये हैं. लुटेरा में आप अलग नजर आ रही हैं और आप खुद मान रही हैं कि यह आपकी अब तक की सबसे चैलेंजिंग फिल्म है. ऐसा क्यों?
बिल्कुल मैं ऐसा यूं ही नहीं कह रही. फिल्म की रिलीज के बाद आप खुद भी इस पर यकीन करेंगी. यह पीरियड फिल्म है. कई अरसे से मैंने पीरियड लव स्टोरी नहीं देखी है हिंदी सिनेमा में. तो सबसे खास बात तो यह थी कि इस फिल्म के लिए किरदार का चयन करना काफी कठिन था. फिर फिल्म में जिस तरह का मेरा किरदार है. उसके कपड़े, वैसा अंदाज सबकुछ कठिन था करना. हमने इस फिल्म में एक जगह की नहीं कई जगहों पर शूटिंग की. हम डलहौजी पहुंचे तो वहां बर्फ गिरने लगा. फिर रणवीर को चोट आयी. इतनी परेशानी मुझे आजतक किसी फिल्म के सेट पर नहीं उठानी पड़ी थी. लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि मैंने इन परेशानियों को बहुत कुछ सीखा. फिल्म में जितनी मेहनत निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाणे ने की है. वह काबिलएतारीफ है. सो, इस लिहाज से कठिन है फिल्म. फिल्म में संवाद कम हैं. एक्सप्रेशन ज्यादा. निर्देशक के मन के मुताबिक एक्सप्रेशन लाना बेहद कठिन काम है. मुश्किलें जितनी भी आयीं लेकिन जब रिजल्ट सामने आया तो मैं बेहद खुश हूं. इस फिल्म में संवाद कम थे. सो, मैंने आंखों और एक्सप्रेशन के माध्यम से अपनी बात को कहने की कोशिश की है. कह सकते हैं कि आंखों की भाषा को मैंने इस फिल्म में अपनी भाषा बना ली थी.यह फिल्म आंखों से प्यार को बयां करती है
त्रफिल्म 1950 के बैकड्रॉप पर है. तो काफी होमवर्क करना पड़ा होगा आपको?
नहीं, मैं स्पॉनटेनियस एक्टर हूं. मैंने कोई होमवर्क नहीं किया है. मेरे निर्देशक विक्रम की यह खासियत है कि वे अपनी पूरी तैयारी अपने साथ रखते हैं. कैसा प्रॉप्स चाहिए. कैसा लोकेशन होगा. डलहौजी से वे कई बार लौट के आये. चूंकि शूट नहीं कर पा रहे थे. तो आप समझ सकते हैं कि मुझे होमवर्क की जरूरत कितनी पड़ी होगी. वे तैयार रहते थे. मुझे सिर्फ सेट पर जाकर साड़ी पहननी होती थी मैं पाखी बन जाती थी. विक्रम मुझे किरदार के इमोशन के अप्स एंड डाउन के बारे में बता देते थे. बस मैं अपना किरदार निभा लेती थी.
त्र अब तक आपने लगभग वर्तमान के सारे सुपरस्टार के साथ ही काम किया है. पहली बार हमउम्र कलाकार के साथ काम कर रही हैं. तो क्या फर्क नजर आया?
मेरे लिए कभी सीनियोरिटी कोई बड़ा इश्यू नहीं रहा है. लेकिन हां, खुशी है कि मैंने और रणवीर एक ही साल शुरुआत की थी तो दोनों नये थे ऐसी फिल्म के लिए. दोनों ने बहुत मेहनत की है. हां, यह जरूर कहूंगी कि सीनियर के साथ आपको सीखने का मौका मिलता है उनसे और जब हमउम्र के साथ काम कर रहे होते हैं तो साथ साथ सीखने का मौका मिलता है.
त्रसोनाक्षी की इमेज पारिवारिक हीरोइन की हो गयी है. पारिवारिक हीरोइन से मेरा तात्पर्य है आपको परिवार के हर वर्ग के दर्शक पसंद कर रहे हैं तो क्या खास बात है सोनाक्षी में जो वे फेवरिट बन चुकी हैं?
मुझे लगता है कि मैं रियल लाइफ में भी अपने पेरेंट्स के बेहद करीब हूं तो मुझमें वह सारी क्वालिटीज है जो एक पारिवारिक लड़की में होनी चाहिए. वे गुण हैं. और वह मेरे किरदार में या मेरी पर्सनैलिटी में नजर आती है. मैं बिकनी नहीं पहन सकती. इन बातों का ख्याल रखती हूं कि मेरी फिल्में मेरा परिवार और बाकी परिवार भी देखेगा तो मैं वैसे किरदार निभाऊं. फिर मैंने जो किरदार अब तक निभाये हैं वह घरेलू जैसे रहे हैं. शायद यह वजह है. मैं अपने परिवार से बेहद प्यार करती हूं इसलिए शायद लोग भी मुझे पारिवारिक समझते हैं.
त्र बिरजू महाराज ने हाल ही में आपकी आंखों की काफी तारीफ की?
हां, जब मुझे यह पता चला तो वह दिन मेरे लिए खास दिनों में से एक था. मेरे निर्देशक भी मानते हैं कि मेरी आंखें एक्सप्रेसिव हैं और हिंदी सिनेमा में अभिनेत्रियों की आंखों को हमेशा तवज्जो दिया जाता रहा है. वे सारी अभिनेत्रियां जिनकी आंखें एक्सप्रेसिव रही हैं. वे कामयाब और यादगार रही हैं तो उम्मीद करती हूं कि मुझे भी यह मौका मिलेगा.
त्रहमने सुना, यह फिल्म पहले विद्या बालन को आॅफर हुई थी?
हां, यह सच है. लेकिन विक्रम के जेहन में कोई छह साल पहले यह बात आयी थी. लेकिन फिर बाद में किन वजहों से मुझे मिली. मुझे नहीं पता. लेकिन खुशी तो होती है कि आपको वैसे किरदार के लायक समझा जा रहा है जिसे वर्तमान की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री निभानेवाली थीं.
त्र आप अपने भाई के साथ मिल कर अपने होम प्रोडक् शन को रिवाइव करनेवाली हैं?
फिलवक्त मेरे दोनों भाई इसका पूरा काम देख रहे हैं. जब पूरी तैयारी हो जायेगी तो हम इसकी घोषणा करेंगे.  हमारे पेरेंट्स यह तय करेंगे कि हम इस माध्यम से पहली शुरुआत क्या करें. कैसे इसे लांच करें. फिलहाल इससे ज्यादा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकती.

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