20130903

औपचारिक होते टॉक शो


 किसी दौर में टीवी पर एक बेहद दिलचस्प टॉक शो प्रसारित होता था. जीना इसी का नाम है. शो के होस्ट थे फारुख शेख़ . इस शो में लगभग हर बड़े सितारें शामिल होते थे. साथ ही उनके साथ वे सभी लोग, जिन्होंने उन्हें सितारे बनाने में मदद की. मुझे लगता है कि टेलीविजन की दुनिया में अब तक जितने भी टॉक शो का निर्माण हुआ है. इसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता. यह एक ऐसा शो था, जहां सितारें व उनके चाहने वाले, सितारों के बारे में वे सच्चाई बयां करते थे. जो वह कहना चाहते हैं. कोई भी पॉलिस्ड बातें नहीं होतीं थी. यही एक शो है, जहां आप ऐश्वर्य राय और रानी मुखर्जी जो अब एक दूसरे को देखना भी पसंद नहीं करतीं. एक दूसरे पर जान छिड़कतीं नजर आयी थीं. इसी शो में सुनील दत्त साहब ने अपने बेटे संजय दत्त के बारे में खुल कर बातें की थीं. बहन प्रिया दत्त वह चिट्ठी पढ़ती हैं , वह पैसों के कूपन जो संजू ने उन्हें जेल से भेजे थे. वे दिखाये. इसी शो में छोटी करिश्मा के वीडियो देखने को मिले. इसी शो में शाहरुख खान के पुराने घर की झलक देखने को मिली. उनके दोस्तों को जानने का मौका मिला. अनिल कपूर के लिए आज भी यह चैंबूर का इलाका क्यों खास है.यह जानने का मौका मिला. वर्तमान में इस तरह के शो की परिकल्पना करना मुश्किल है. चूंकि अब दौर बदल चुका है. पूरी तरह से. अब स्टार्स न तो इतना खुल कर लोगों के सामने आना चाहते हैं और न ही अपनी ंिनजी जिंदगी के बारे में कोई भी बातें करना चाहते हैं. बल्कि वे तो लगातार बातें छुपाने की कोशिश करते रहते हैं. दरअसल, हकीकत यह है कि अब मीडिया पर से टीवी स्टार्स व सिनेमा के स्टार्स का विश्वास हट चुका है. चूंकि उनका मानना है कि मीडिया केवल चीजों के सेंशलाइज करती है. सो, अब स्टार्स कटने लगे हैं. अब तो पेड मीडिया का जमाना है और उनके लिए अब जीना इसी का नाम है

No comments:

Post a Comment