20130903

किरदार छोटे हों या बड़े मुझे फर्क नहीं पड़ता : दिव्या दत्ता


 दिव्या दत्ता फिल्म भाग मिल्खा सिंह भाग में मिल्खा सिंह की बहन का किरदार निभा रही हैं. पेश है अनुप्रिया अनंत से हुई बातचीत के मुख्य अंश

दिव्या इस हफ्ते रिलीज हुई फिल्म लुटेरा में भी एक छोटे से किरदार में नजर आ रही हैं. बातचीत दिव्या से.

 दिव्या, भाग मिल्खा भाग में आपका किरदार क्या है .अपने किरदार के बारे में बताएं?
ैमैं फिल्म में मिल्खा सिंह की बहन का किरदार निभा रही हूं. राकेश ओमप्रकाश के साथ मैंने पहले भी काम किया है और यह मेरे लिए हमेशा खास होगा कि मैं उनके साथ काम करूं,चूंकि वह कमाल के निर्देशक हैं. उनकी फिल्म के हर किरदार खास होते हैं. अलग होते हैं. मैंने दिल्ली 6 में भी उनके साथ काम किया था और खूब मजे भी किये थे. उनके साथ एक एक्टर खुद को इंनहांस करता है. भाग मिल्खा सिंह में मेरा किरदार मिल्खा सिंह की बहन का है. मिल्खा सिंह ने अपने परिवार को खो दिया है और बाद में मिल्खा की देखभाल उनकी बहन ही करती है. सो, फिल्म में बहुत महत्वपूर्ण किरदार है मेरा . हिंदी सिनेमा में भाई बहन के रिश्ते को फिल्म में कम ही महत्व दिया जाता है. लास्ट फिल्म तो मैंने देखी थी जिसमें भाई बहन की भूमिका को खूबसूरती से दिखाया गया था वह थी जोश. इसके बाद ऐसे रिश्ते को खास अहमियत नहीं दी जाती रही है. लेकिन राकेश ने मिल्खा सिंह की जिंदगी के इस पहलू को भी बखूबी से दर्शाया है.
मिल्खा सिंह पर िफल्म बनने से पहले आप मिल्खा सिंह की जिंदगी से कितनी वाकिफ थीं?
जी यह तो हर भारतीय जानता है कि मिल्खा सिंह कौन हैं और उनकी क्या उपलब्धि रही है. हां, उनकी जिंदगी के कई पहलुओं को मैंने फिल्म करने के दौरान समझा. चूंकि मिल्खा सिंह की जिंदगी में काफी संघर्ष रहा है. दर्द रहा है और मुझे फिल्म के माध्यम से उनके परिवार का हिस्सा बनने का मौका मिला है. इसलिए मानती हूं कि मुझे कई तरह से उनके परिवार को समझने का मौका मिला है.
आपने ुकछ होमवर्क या रिसर्च किया?
नहीं, मैं झूठ नहीं बोलूंगी. मेरे निर्देशक राकेश ने ही सारी तैयारी की थी और उन्होंने मुझे जैसा जैसा कहा. मैं करती गयी और नतीजा आपके सामने होगा. जब आप फिल्म देखेंगे. इस फिल्म को करने के दौरान मैंन ेयह महसूस किया कि मिल्खा सिंह भाई के रूप में भी एक जिंदादिल और अपने परिवार का पूरा साथ देनेवाले व्यक्ति में से एक हैं. वे लोगों का ख्याल बहुत सलीके से रखते हैं. काफी भावुक व्यक्ति हैं और इन बातों को समझते हैं कि दुनिया में पैसे नहीं रिश्तों की अहमियत होती है. इस फिल्म में मेरे किरदार को 16 साल की उम्र से 35 साल की उम्र में ग्रो करते दिखाया गया है. मैं फिल्म में कई लुक्स में आपको नजर आऊंगी, लेकिन मेरे लुक्स मेरे किरदार की सारी तैयारी राकेश ओम प्रकाश ने की है. आपको विश्वास नहीं होगा. लेकिन हमने कुछ सीन में ग्लीसरीन का प्रयोग ही नहीं किया है. फिल्म की कहानी ही ऐसी है कि आपको रोना आ जायेगा. इस फिल्म में चूंकि कई लुक्स थे. तो मुझे कभी वजन बढ़ाना पड़ता था. कभी घटाना होता था. कभी बालों को बढ़ाना पड़ा तो कभी कम रखना पड़ा.
आपने मिल्खा सिंह के साथ वक्त गुजारा अपने किरदार को समझने के लिए?
हां, उन्होंने ही मुझे अपनी बहन के बारे में और उनसे जुड़े कई किस्से सुनाये.
फरहान आपको मिल्खा सिंह के रूप में कैसे लग रहे हैं?
मैंने जब फरहान को देखा था सेट पर मिल्खा सिंह के रूप में तो मुझे यही लगा कि वह डुप्लीकेट मिल्खा हैं. उन्होंने बेहतरीम्न काम किया है. वह बहुत टैलेंटेड एक्टर हैं और उन्होंने फिल्म में कमाल का काम किया है. लोग उन्हें इस फिल्म की वजह से ताउम्र याद रखेंगे. राकेश ओमप्रकाश ने पहले दिन सेट पर कहा कि चलो शूट शुरू करते हैं. फरहान मेरे पीछे खड़े थे. मैंने देखा तो मैं तो शॉक्ड थी. वह बिल्कुल फरहान नहंीं लग रहे थे. फरहान को पहले से जानती थी. लेकिन साथ काम करने पर मुझे पता चला कि वे कितने मेहनती और डेडिकेटेड एक्टर हैं और किस तरह वह इस फिल्म में मिल्खा सिंह की जिंदगी को पूरी जिम्मेदारी के साथ जी रहे हैं.
दिव्या, आप जिस भी फिल्म में होती हैं, छोटे किरदारों में ही क्यों न हों, आपको लोग नोटिस करते हैं तो बतौर एक्ट्रेस वह कौन सी खास बात है आपमें.
यह सवाल मुझसे इस बार हर कोई पूछ रहे हैं. जबकि सच कहूं तो मुझे मेरे काम पर यकीन होता है और जो काम मिलता है, उसे पूरी शिद्दत से बस जी डालती हूं. मुझे लगता है कि मेरे निर्देशकों को मुझ पर इसलिए विश्वास होता है. चूंकि वे जैसा चाहते हैं. मैं वैसा देने की कोशिश करती हूं फिल्म में.
 आप और किस तरह के किरदार निभाना चाहती हैं?
वे सारे किरदार निभाऊंगी, जो सलीके से लिखे गये हों. फिर चाहे वह छोटे किरदार ही क्यों न हो. 

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