20130629

फर्स्ट लुक का कमाल


बॉलीवुड में इन दिनों एक नया ट्रेंड है. ट्रेलर लांच पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि रिसर्च टीम बताती है कि हाल के दिनों में दर्शक फर्स्ट लुक से तय करते हैं कि हमें किसी फिल्म को देखना है और किसे नहीं. यही वजह है कि निर्माता फर्स्ट लुक को लेकर हमेशा गंभीरता से सोचते हैं. फिल्म का प्रोमोशन उतना महत्व और प्रभावशाली नहीं रहता. जो कमाल फर्स्ट लुक करता है. पिछली फिल्मों की बात करें तो फर्स्ट लुक में वे सारे संवाद और दृश्य को खासतौर से दर्शकों के सामने प्रस्तुत करने की कोशिश की जाती है. जो सबसे ज्यादा प्रभावित कर सके. रांझणा का यह संवाद कि लौंडा बनारस में भी नहीं जीतेगा तो कहां जीतेगा. बार बार दोहराया जाता रहा और यही वजह रही कि दर्शकों को वह काफी पसंद भी आया. फिल्म रांझणा को अच्छी ओपनिंग मिली क्योंकि उसके संवाद कमाल के थे. और दृश्य भी. यही वजह है कि इन दिनों फिल्म के फर्स्ट लुक के प्रोमो एडिटर को हद से अधिक सैलरी दी जाती है. इन दिनों फिल्म के एडिटर से अधिक महत्व प्रोमो एडिटर को दिया जाता है. इन दिनों फिल्म कृष 3 और चेन्नई एक्सप्रेस के प्रोमो पर विशेष रूप से फिल्म के मेकर्स काम कर रहे हैं. चेन्नई एक्सप्रेस के प्रोमो को देखने के बाद ही उसे 100 करोड़ क्लब की फिल्म बता दिया गया है. भाग मिल्खा भाग, लुटेरा और घनचक्कर के प्रोमो को देख कर भी काफी उत्सुकता है. स्पष्ट है कि फर्स्ट लुक के लांच पर इसी वजह से फिल्म के मेकर्स खर्च करते हैं. इन दिनों कम से अपनी फिल्मों के तीन से अधिक प्रोमो लांच किये जाते हैं.हाल ही में प्रकाश झा ने भी अपनी फिल्म सत्याग्रह का  नया ट्रेलर किया है, जिसे यू टयूब पर काफी लोकप्रियता भी मिल रही है. स्पष्ट है कि इन दिनों जमाना ट्रेलर का ही है, न कि फिल्मी प्रोमोशन का.

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