20130629

दूर देश का ढोल सुहावना


दूर देश का ढोल हमेशा सुहावना ही होता है. अर्थात हमें दूर की चीजें हमेशा आकर्षित करती हैं. गांव वालों के लिए शहर हमेशा खास होता है और शहर वालों के लिए मेट्रो शहर. हिंदी फिल्मी दुनिया पूरे भारत को आकर्षित करती है और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लोग हॉलीवुड व विदेशों की फिल्में और वहां के सेलिब्रिटीज से आकर्षित होते हैं और शायद यही वजह है कि वे कभी कभी विदेश में खुद को अलग और सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो उन्हें हंसी का पात्र बना देती है. इन दिनों कान फिल्मोत्सव का आयोजन हो रहा है और वहां इस बार भारत के कई सेलिब्रिटीज शामिल हुए हैं. सोनम कपूर, अमिताभ बच्चन, विद्या बालन. विद्या बालन वहां जूरी सदस्यों में से एक हैं. और अमिताभ अपनी हॉलीवुड फिल्म के प्रोमोशन में वहां शामिल हुए. अमिताभ लीयनार्डो के साथ जब मंच पर गये तो उन्होंने वहां हिंदी में भाषण दिया, जो वाकई हिंदुस्तान के लिए गर्व की बात है. विद्या बालन का कान फिल्मोत्सव में जूरी के रूप में चयनित होना भी गर्व की बात है. लेकिन भारतीय कलाकार वहां जिस तरह के परिधान में नजर आये. वह दिखावा मात्र लग रहा है. अलग और अनोखा करने के चक्कर में अमिताभ से लेकर सोनम विद्या सभी ने अति कर दी. वहां अन्य सितारों पर गौर करें तो सभी सामान्य अटायर में थे और उन सभी को एक सा दिखने में कोई परेशानी नहीं. लेकिन हमारे यहां सितारे तभी चमकते हैं, जब उनके कपड़े चमकते हैं, सो उन्होंने कुछ अजीबोगरीब परिधान पहन कर वहां रेड कारपेट पर वॉक किया. विद्या को अगर भारतीय परिधान में जाना ही था तो वह सामान्य सी साड़ी पहन सकती थीं. आमतौर पर वह बेहद खूबसूरत नजर आती है. लेकिन वे भी यहां चूक गयीं. दरअसल, यह हमारे अति उत्साह और दिखावेपन का ही खोखला नतीजा है. 

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