20130330

एक समर्पित फैन व जीवनसाथी



नर्मता दत्त ने कुछ दिनों पहले एक बातचीत के दौरान अपने पिता सुनील दत्त व भाई संजय दत्त से जुड़े कई यादों को सांझा किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह जब नरगिस दत्त के कैंसर का इलाज चल रहा है. उस वक्त सुनील दत्त उनका एक मां की तरह ख्याल रखा करते थे. वे खुद नरगिस को ब्रश कराते, उनका शौचालय भी साफ करते, उनकी उल्टियां भी साफ करते. और साथ ही नरगिस को जीने के लिए प्रेरित भी करते थे. सुनील दत्त ने नरगिस की इलाज में अपनी जीवन की पूरी कमाई लगा दी थी. लेकिन वह उन्हें बचा नहीं पाये. नरगिस की मौत के बाद सुनील अकेले कमरे में काफी देर तक रोया करते थे. वे बेडरूम में नहीं जाया करते थे. बेटियों ने पिता से कहा भी कि अगर वह चाहें तो दूसरी शादी कर सकते हैं. लेकिन सुनील ने एक ही बात कही कि कोई दूसरी औरत नरगिस की तरह नहीं हो सकती. दरअसल, हकीकत यही है कि सुनील दत्त ने नरगिस को एक समर्पित फैन की तरह प्यार किया. वे नरगिस से उस वक्त भी प्यार करते थे. जब वह जानते थे कि वह राज कपूर से प्यार करती हैं. लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने नरगिस का हाथ उस दौरान थामा था, जब राज कपूर के प्रेम में धोखे के दौर से गुजर रही थीं. मदर इंडिया में नरगिस को जोखिम से बचाते वक्त जो सुनील ने उनका हाथ थामा. ताउम्र साथ निभाया. वरना, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए यह आम बात थी कि वे अपनी पत् नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी कर लेते. लेकिन सुनील साहब ने ऐसा नहीं किया. खुद उनके बेटे संजय ने पहली पत् नी की मौत के बाद दोबारा शादी कर ली थी. दरअसल, किसी के सहारे जिंदगी गुजार देना एक तपस्या की तरह है और यह हर कोई नहीं कर सकता. सुनील एक समर्पित जीवनसाथी थे, सो, उन्होंने वाकई जीवन में सिर्फ एक बार प्यार किया और उसे निभाया भी.

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