20130108

परोपकार ही पाश्याताप



आज सलमान अपने जीवन के 47वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. उनका फिल्मी करियर फिलवक्त सबसे शीर्ष पर है. लेकिन जीवन की दो बड़ी गलतियां अब भी उनका पीछा नहीं छोड़ रहीं. शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए उन्होंने अपनी गाड़ी से एक जान ले ली थी. तो वही हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान चिंकारा के शिकार कर उन्होंने अपने सिर पर मुसीबत ले ली थी. जिस दौर में सलमान इन दो बड़े हादसों के शिकार हुए थे. उस वक्त उनका फिल्मी करियर भी डमाडोल था. लेकिन आज वे सबसे सफल अभिनेता हैं. हालांकि आज भी उनके फैन फॉलोइंग में कोई कमी नहीं आयी. लेकिन जो सलमान को अभिनेता नहीं मानते या सलमान की आलोचनाओं में लगे रहते हैं, उनका मानना है कि सलमान ने चूंकि ये दो बड़ी गलतियां की हैं. इसलिए वह एक नेक दिल बंदे हो ही नहीं सकते.यह हकीकत है कि कभी कभी जीवन में कुछ गलतियां ऐसी हो जाती हैं, जिसकी कोई भरपाई नहीं हो सकती. सलमान ने भी की है वैसी गलतियां. वे छोटी नहीं हैं. इसलिए अनदेखी भी नहीं की जा सकतीं. लेकिन सलमान के पूरे व्यक्तित्व को सिर्फ इन्हीं गलतियों पर ताउम्र आंकना भी उचित नहीं. सलमान शायद जब भी अकेले होते होंगे तो उन्हें महसूस होता होगा कि उन्होंने क्या किया? वे शायद किसी ने बोले बिना भी लगातार जरूरतमंदों की मदद करते हैं तो सिर्फ इसलिए कि कहीं वे अपनी गलती की कुछ भरपाई कर पायें.  शायद उनका परोपकार ही उनका पाश्याताप है. वे गुनहगार हैं. आईना उन्हें बार बार बताता होगा. लेकिन सलमान परोपकारी भी हैं. यह भूला नहीं जा सकता. अब भी मनीषा कोईराला की सपोर्ट में सबसे पहला हाथ उन्होंने ही बढ़ाया है. सरबजीत से लेकर कई मामलों में वे आगे आते हैं. उन्हें क्रूरर, निदर्यी की संज्ञा तो हरगिज नहीं दी जानी चाहिए.

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