20121110

बढ़ती दूरियां, खोते रिश्तें


  हाल ही में फिल्म सन आॅफ सरदार के सिलसिले में अजय देवगन से बात हुई. अजय देवगन और यशराज बैनर को लेकर उठा विवाद अब जगजाहिर है. लेकिन बातचीत के दौरान अजय ने एक बात दोहरायी कि उन्हें अब इंडस्ट्री में केवल प्रोफेशनलिज्म नजर आता है. उनका मानना है कि पहले के जमाने में जिस तरह से फिल्मी हस्तियों के बीच दोस्ती थी. अपनत्व था. अब वह नहीं है. अब केवल सभी मुनाफे लगाने में जुटे हैं. इस बात पर मेरा उनसे यह सवाल था कि क्या आप उस माहौल को मिस करते हैं. अजय ने कहा यकीनन. इससे साफ स्पष्ट है कि आज की हस्तियां भी उस माहौल को मिस करती हैं. प्रतियोगिता, प्रतिद्वंद्विता तो उस वक्त भी थी. उस वक्त भी स्टार्स में तनाव था. लेकिन इसके बावजूद लोगों में अपनापन था. श्रीदेवी-माधुरी एक दूसरे को पसंद नहीं करती थीं. लेकिन जब माधुरी की शादी हुई तो वे आयीं. लेकिन क्या आज संभव है. शायद नहीं. दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी हिंदी सिनेमा जगत की सबसे खास शादी थी. इस शादी में न केवल हिंदी सिने जगत के लगभग सभी दिग्गज शामिल हुए थे. बल्कि खूब मस्ती भी हुई थी. जहां एक तरफ राज कपूर सायरा की तरफ से बारातियों की तैयारियों में जुटे थे. तो देव आनंद बारातियों के साथ डांस करते हुए बारात लेकर पहुंचे थे. प्राण ने दूसरे व्यक्ति की टिकट पर ट्रेन का सफर पूरा किया था, ताकि वे वक्त पर शादी में पहुंच पायें. अभिनेता रंजीत बताते हैं कि किस तरह सुनील दत्त के घर पर जाने पर न सिर्फ सुनील बल्कि उनकी पत् नी नरगिस भी आवभगत में लग जाती थीं. खाने खिलाने का दौर चलता रहता था. चूंकि अब पैसा, प्रोफेशनलिज्म हावी है. स्टार्स स्टार्स के बीच पीआर ने नफरत के बीज बो दिये.वे अपना मुनाफा कमा रहे हैं. लेकिन बॉलीवुड अब सिर्फ तमाशबीन हो चुका है.

No comments:

Post a Comment