20121015

बसेरा की लक्ष्मण रेखा



मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कुछ महीनों पहले पहली बार रेखा को देखने का मौका मिला. वे रेड कारपेट पर हाथ हिलाती हुई आगे जा रही थीं. कैमरे के सामने जैसे ही उनकी स्माइल आयी. कैमरे ने खुशी से उस लम्हे की कई तसवीरें अपने कैमरे में कैद कर ली. पहली बार सदाबहार अभिनेत्री रेखा को इतने करीब से देखने का मौका मिला था. अब तक रेखा के बारे में जितना भी पढ़ा सुना था. उससे यह अनुमान तो था कि वह इंटरव्यू नहीं देतीं. लेकिन फिर भी रेखा से पूछ ही लिया...मैम आपका इंटरव्यू करना चाहती हूं. उन्होंने हंसते हुए कहा बच्चे मैं इंटरव्यू नहीं देती... दरअसल, हकीकत भी यही है कि आज भी रेखा हिंदी सिनेमा जगत के लिए एक पहेली ही हैं. रेखा कभी भी लाइमलाइट में आने के लिए या खबरों में बने रहने के लिए कोई भी दांव पेंच नहीं अपनातीं. बांद्रा इलाके के बसेरा नामक अपने बंगले में उन्होंने अपनी जिंदगी का एक अलग ही बसेरा बन रखा है. उन्होंने कम दोस्त बना रखे हैं. लेकिन वह उन्हीं के साथ खुश हैं. ऐसा नहीं है कि उन्हें अपने एकाकी जीवन से तकलीफ नहीं होती होगी. लेकिन फिर भी वे कभी सार्वजनिक रूप से अपनी तकलीफ जाहिर नहीं करतीं. वे फिल्मी पार्टियों में, फिल्मी अवार्ड फंक् शन का भी हिस्सा बनती हैं. लेकिन उन स्थानों पर जाना आज भी उन्हें पसंद नहीं. जहां अमिताभ बच्चन की उपस्थिति हो. लेकिन यह अजब सा संयोग है कि दोनों का जन्मदिन भी एक दूसरे के जन्मदिन के आसपास है. रेखा ने अपने फिल्मी करियर में एक से बढ़ कर एक बेहतरीन फिल्में दीं. लेकिन आज हिंदी सिनेमा जगत में जब भी रेखा की चर्चा होती है. वह अमिताभ बच्चन से ही संबंधित होती है. कहीं न कहीं इस बात की टिश खुद रेखा को भी होती ही होगी. लेकिन वे कभी इसे जगजाहिर नहीं करतीं. बजाय इसके कि वे अपने और अमिताभ के रिश्ते का ढिंढोरा पिटें. वे हमेशा मौन रहीं. वही अगर आज वर्तमान में किसी अभिनेत्री के साथ ऐसे वाक्या जुड़े होते तो निश्चित तौर पर वह अमिताभ की लोकप्रियता को देखते हुए कई विवाद उठातीं. लेकिन रेखा ने हमेशा अपना सम्मान अमिताभ के लिए बनाये रखा. एक शख्स जिन्होंने रेखा की पूरी जिंदगी बदल दी. इन तमाम बातों के बावजूद उन्होंने कभी बच्चन परिवार का अनादर नहीं किया. ऐसा व्यवहार निश्चित तौर पर कोई सच्चे मन से प्रेम करनेवाली महिला ही कर सकती हैं. उन्होंने अपने ही बसेरा में एक लक्ष्मण रेखा खींच ली है. जिसके अंदर न तो वे किसी को प्रवेश करने देती हैं और न ही उसे खुद लांघना चाहती हैं.

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