20120919

हीरोइन ही हीरो है




मधुर भंडारकर ने अपनी फिल्म हीरोइन का जम कर प्रचार किया है. फिल्म के प्रमोशन में भी हर जगह केवल अभिनेत्री करीना ही नजर आयीं. जबकि फिल्म में अजरुन रामपाल और रणदीप हुड्डा भी हैं. हिंदी सिनेमा अब भी पुरुष प्रधान ही माना जाता रहा है. लेकिन अब धीरे धीरे यह ट्रेंड भी बदल रहा है. अब फिल्मों में हीरोइन यानी अभिनेत्रियों को ही केंद्र में रख कर न केवल फिल्में बनाई जा रही हैं. बल्कि उन्हें फिल्म में पूरा महत्व भी दिया जा रहा है. निर्देशक मानने लगे हैं कि हीरोइन भी अब सफलता की गारंटी हैं. 

करीना कपूर अपनी फिल्म हीरोइन को लेकर आत्मविश्वास के साथ कहती हैं कि उन्हें इस फिल्म में जितना स्कोप मिला है. अब तक किसी भी फिल्म में नहीं मिला है. इसलिए वह खुश हैं कि वह इस फिल्म का हिस्सा बन पायी हैं. रानी मुखर्जी फिल्म अय्या में एक अलग ही तेवर में नजर आ रही हैं. स्पष्ट है कि बॉलीवुड में अब लगातार महिलाओं को ध्यान में रख कर फिल्में बनाई जा रही हैं. ऐसा नहीं है कि पहले अभिनेत्रियों को ध्यान में रख कर फिल्में नहीं बनाई जाती थीं. लेकिन उन फिल्मों के विषय ज्यादातर गंभीर होते थे. किसी सामाजिक विषयों को लेकर अधिक फिल्में बनाई जाती थीं. लेकिन अब वह दौर बिल्कुल बदल रहा है.अब अभिनेत्रियों को ध्यान में रख कर न केवल अलग विषय चुने जा रहे हैं, बल्कि बेङिाझक निर्देशक बिंदास, मस्तीवाले, मसाला फिल्में भी सोच रहे हैं. इससे एक तसवीर जो पूरी तरह साफ हो रही है. वह यह कि हिंदी सिनेमा में अब अभिनेत्रियों के लिए काम करने के स्कोप बढ़े हैं. नये दौर के निर्देशक भी अब केवल आनेवाली या नये दौर की अभिनेत्रियों को लेकर ही नहीं बल्कि स्थापित या अभिनय से ब्रेक ली गयी अभिनेत्रियों को भी ध्यान में रख कर फिल्में बना रहे हैं. वहीदा रहमान ने कुछ दिनों पहले ही इस बात का जिक्र किया था कि उनके जमाने में जब वे एक ब्रेक के बाद फिल्मों में दोबारा वापसी करती थीं उस वक्त उन्हें वापसी के बाद लीड किरदार या महिला प्रधान फिल्मों में काम करने का मौका नहीं मिलता था. मजबूरनवश उन्हें भाभी या दादी जैसे किरदार निभाने पड़ते थे. लेकिन आज निर्देशकों ने अपनी सोच से उन अभिनेत्रियों को जिनका  एक अलग रूप दर्शकों ने नहीं देखा है. उन्हें अपनी फिल्मों की पोस्टर गर्ल मसलन लीड किरदार देकर हीरोइन को हीरो बना दिया है. वे अभिनेत्रियों को मजाकिया अंदाज से लेकर सीरियस सभी किरदारों में दर्शा रहे हैं. खुशी इस बात की है कि यह बदलती बयार बॉक्स ऑफिस की चिंता नहीं कर रही, बल्कि बेहतरीन काम पर ध्यान दे रही हैं. और नतीजा यह होता है  कि ऐसी फिल्मों में अभिनेत्रियां भी अपना 100 प्रतिशत देने की कोशिश में जुट जाती हैं. विशेष कर डर्टी पिर की रिकॉर्ड तोड़ सफलता के बाद इस ट्रेंड में और इजाफा हुआ है. विद्या बालन ने इस ट्रेंड को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई है. दरअसल, एक और हकीकत यह भी है कि हर कलाकार की इच्छा होती है कि वह अधिक से अधिक परदे पर नजर आये. लेकिन हिंदी फिल्मों में प्राय: अभिनेत्रियों को डांस गाने या बार्बी गुड़िया के रूप में ही इस्तेमाल किया जाता है. इस बात का मर्म उन्हें भी कहीं न कहीं रहता ही है. इसलिए अब जब उन अभिनेत्रियों को नये मौके और बेहतर मौके मिल रहे हैं. वे इनका जम कर इस्तेमाल कर रही हैं.
कोटेशन : रानी मुखर्जी
र यह बेहद जरूरी है कि महिलाएं पायरेटेड फिल्में न देख कर टिकट खरीद कर थियेटर में फिल्में देखें. चूंकि इससे ही महिला प्रधान फिल्मों को बढ़ावा मिलेगा और ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की फिल्में बनेंगी. सो, यह जरूरी है कि महिलाएं फिल्में देखने की संस्कृति का विकास करें. वह जागरूक होंगी. तो उनके लिए भी फिल्में बनेंगी ही.

करीना कपूर- हीरोइन
मधुर भंडारकर की फिल्म हीरोइन में पूरा आकर्षण करीना कपूर ही हैं. फिल्म में रणदीप हुड्डा और अजरुन  रामपाल भी हैं. लेकिन फिल्म की पूरी कहानी करीना कपूर के ही इर्द-गिर्द घूमती है. यही वजह है कि करीना इसे अपने करियर की सबसे स्पेशल फिल्म मानती हैं. चूंकि इस फिल्म में उन्हें सबसे अधिक स्पेस शेयर करने का मौका मिला है. उनकी उपस्थिति सबसे अधिक है. पूरी कहानी ही एक हीरोइन की जिंदगी पर आधारित है. फिल्म के प्रमोशन में भी करीना ने इसलिए बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है. क्योंकि फिल्म में उनकी हर अदा. उनके हर गुण का इस्तेमाल करने की कोशिश की गयी है.
फराह खान- शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी
इस फिल्म में बेला सहगल ने फराह खान से बेहतरीन अभिनय कराया है. फराह कभी सोच भी नहीं सकती थी कि उन्हें ध्यान में रखते हुए किसी फिल्म की परिकल्पना की जा सकती है. लेकिन बेला ने फिल्म में फराह को अभिनय करने का पूरा स्पेस दिया. यह दर्शाता है कि बेला की सोच में फराह खान अभिनेत्री के रूप में किस तरह स्थापित थी. निस्संदेह फिल्म में बोमन ईरानी भी थे. लेकिन फराह के स्क्रीन अपीयरेंस की वजह से यह फराह की फिल्म अधिक नजर आयी.
श्रीदेवी- इंग्लिश-विग्ंिलश
श्रीदेवी मानती हैं कि इंग्लिश-विग्ंिलश उनके जीवन की महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक हैं. हालांकि श्रीदेवी ने अपने करियर में कई ऐसी बेहतरीन फिल्में की हैं, जिनमें उनके किरदार को महत्व दिया गया है. चालबाज उनमें महत्वपूर्ण है. लेकिन आज भी जब वह वापसी कर रही हैं तो उसी अंदाज में. फिल्म इंग्लिश विग्ंिलश में भी पूरी फिल्म उन पर ही आधारित है. फिल्म की निर्देशिका गौरी शिंदे ने इस दौर में जब स्टार्स और लोकप्रिय सितारों को लेकर कहानी लिखने की होड़ है. उनमें उन्होंने श्रीदेवी को चुना है. और फिल्म के प्रोमोज में भी श्रीदेवी का वही चुलबुलापन नजर आ रहा है.  श्रीदेवी आज भी फ्रेश नजर आ रही हैं और उम्मीदन फिल्म को कामयाबी मिलेगी ही.
अय्या- रानी मुखर्जी
अनुराग कश्यप की अय्या में रानी को एक अलग तरह की मराठन लड़की के किरदार में  दर्शाया गया है. नो वन किल्ड जेसिका के बाद फिर से रानी अभिनेत्री प्रधान फिल्म में आ रही हैं और इस फिल्म में वे बिल्कुल बिंदास अंदाज में नजर आ रही हैं. फिल्म के निर्देशक सचिन ने रानी की उन सारी खूबियों व स्वभाव को दर्शाने की कोशिश की है. जो अब तक अन्य फिल्मों में नहीं दिखी है. तिग्मांशु की भी एक फिल्म में रानी मुख्य भूमिका में हैं
प्रीति जिंटा -इश्क इन पेरिस
फिल्म इश्क इन पेरिस में प्रीति जिंटा फोटोग्राफर की भूमिका निभा रही हैं. जिनके लिए करियर ही सबकुछ है. प्रीति आज की मॉर्डन लड़की का किरदार निभा रही हैं. यह फिल्म भी प्रीति के इर्द-गिर्द ही घूमती है.
गुलाब गैंग- माधुरी दीक्षित
फिल्म गुलाब गैंग में अनुभव सिन्हा पूरी कहानी माधुरी दीक्षित को ध्यान में रख कर फिल्मा रहे हैं.
इनके अलावा फिल्म कॉकटेल में दीपिका पादुकोण और डायना पेंटी को फिल्म में सैफ अली खान से अधिक परदे पर उपस्थिति दर्ज करने का मौका मिला. फिल्म बर्फी में रणबीर कपूर के साथ साथ प्रियंका चोपड़ा और इलियाना डिक्रूज को भी बराबरी से अभिनय करने का मौका मिला है.

No comments:

Post a Comment