20120903

सीता की तरह शांत हो गयी



वह आयी थीं इंडियन आयडल बनने, लेकिन राजन शाही ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें ‘चांद छुपा बादल में’ की चांद बना दिया. इसके बाद लगातार उन्हें अपने हुनर को दिखाने का मौका मिलता रहा है. बात हो रही है बिहार के पटना शहर की नेहा सरगम की. इन दिनों वे जी टीवी के धारावाहिक ‘रामायण’ में सीता का किरदार निभा रही हैं. पेश है अनुप्रिया अनंत से हुई उनकी बातचीत के मुख्य अंश..
नेहा बेहतरीन कलाकार होने के साथ-साथ अच्छी गायिका भी हैं. उनका मानना है कि सीता का किरदार निभाना वाकई बहुत कठिन है. लेकिन फिर भी वह खुश हैं कि उन्हें ऐसा ऐतिहासिक किरदार निभाने का मौका मिला. ‘रामायण’ का प्रसारण जी टीवी के साथ-साथ दूरदर्शन पर भी किया जा रहा है.

दादी का पसंदीदा धारावाहिक
जिस वक्त टेलीविजन पर रामानंद सागर सर की पहली ‘रामायण’ आयी थी, उस वक्त मैंने यह धारावाहिक नहीं देखा था. चूंकि उस वक्त मेरा जन्म ही नहीं हुआ था. बाद के दिनों में जब इस धारावाहिक का पुन: प्रसारण किया गया, तब मैं इसे देखा करती थी. दरअसल, मेरे परिवार में हमेशा रामायण को महत्व दिया जाता रहा है. मेरी दादी पूरे दिन में 250 से भी अधिक बार राम का नाम कागज पर लिखा करती थीं. ‘रामायण’ दादी का पसंदीदा धारावाहिक था. मुझे लगता है कि आज अगर वह जिंदा होतीं, तो वे बेहद खुश होतीं यह देखकर कि उनकी पोती सीता का किरदार निभा रही है.
कैसे मिली भूमिका
मुङो सागर आर्ट्स से जब कॉल आया था, तो मैंने पूछा कि वे मुङो किस किरदार के लिए चुनना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि सीता के लिए. उस वक्त मैं बेहद खुश हो गयी थी. कुछ देर के लिए तो मुङो लगा कि मैं सपना देख रही हूं. आखिर कौन से कलाकार हैं जो नहीं चाहेंगे कि उन्हें ‘रामायण’ के पात्र निभाने का मौका मिले. इसके बाद मेरा लुक टेस्ट हुआ. मैं कहना चाहूंगी कि वाकई सीता का किरदार निभाना एक चुनौती है. चूंकि बाकी किरदारों में तो आप अपना भी इनपुट्स दे सकते हैं, लेकिन जब आप कोई ऐतिहासिक किरदार निभाते हैं तो आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है.
बन रही हूं सीता जैसी

मैं मानती हूं कि वाकई सीताजी में कई खास बातें रही होंगी. क्योंकि मात्र उनका किरदार निभाने पर मैं अपने व्यवहार में काफी बदलाव महसूस कर रही हूं. पहले जब मैं ड्राइव करती थी, तो कैसे भी गाड़ी चलाती थी और कोई सामने आता था, तो चिल्लाती थी कि आगे से हटो. लेकिन अब मैं थोड़ी शांत हो गयी हूं. मुङो गुस्सा कम आने लगा है. मुङो लगता है कि सीता के किरदार ने मुङो प्रभावित किया है.
हिंदी बोलने में कोई परेशानी नहीं
मैं बिहार से हूं. मेरी हिंदी हमेशा से अच्छी रही है. मैंने क्लासिकल सिंगिंग सीखी है. इस वजह से भी मेरा उच्चारण बिल्कुल ठीक है. मुङो इस धारावाहिक में शुद्ध हिंदी बोलने में कोई भी परेशानी नहीं हुई है. 
रियाज भी करती हूं
पहले मुङो रियाज करने का वक्त नहीं मिलता था, लेकिन अब मैं रियाज करती हूं. हालांकि ‘इंडियन आइडल’ ने मुङो टीवी पर आने का पहला मौका दिया, लेकिन इन दिनों मैं ‘इंडियन आइडल’ देख नहीं पाती. मैं कहना चाहूंगी कि टेलीविजन के रियलिटी शो वाकई नये लोगों को मौके देते हैं. 
टीम वर्क
सीता का किरदार निभाने के लिए मैं रामायण पढ़ रही हूं. मुझे राम का किरदार निभा रहे गगन मल्लिक का भी पूरा सहयोग मिल रहा है. हम दोनों के लिए ही इन किरदारों को निभाना मुश्किल था, लेकिन पूरी टीम हमारा साथ दे रही है

No comments:

Post a Comment