20120910

जिंदगी अभी बाकी है



अनुराग बसु की जल्द ही प्रदर्शित हो रही फिल्म बर्फी बहरे व गूंगे लोगों के जीवन को समर्पित है. अनुराग बसु पहले ऐसी फिल्में नहीं बनाते थे और न ही उनके जेहन में ऐसी कहानियां आती थी. लेकिन जब से उन्होंने कैंसर जैसी बीमारी से लड़ाई की और जीत हासिल किया. वे बदले. वे कई ऐसे एनजीओ से जुड़े और उन्होंने अपने जीने का नजरिया बदला. वे खुद स्वीकारते हैं कि अब वे मतलबी नहीं रह गये. मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी युवराज सिंह ने हाल ही में कलर्स चैनल के साथ मिल कर जिंदगी अभी बाकी है नामक शो लांच किया है.जिसमें वे अपने करियर के बारे में बतायेंगे. साथ ही वे विशेष रूप से कैंसर से जूझ रहे लोगों को प्रोत्साहित करेंगे कि कैसे उन्होंने कैंसर जैसी बीमारी से सामना किया है. साथ ही युवराज ने यूवीकैन नामक फाउंडेशन की शुरुआत की है. जिससे कैंसर से पीड़ित लोगों की मदद की जायेगी. सुनील दत्त साहब ने भी नरगिस की मौत के बाद कैंसर से संबंधित उन्होंने एक अभियान शुरू किया. जो कि नरगिस को ही समर्पित था. नरगिस की मौत कैंसर से ही हुई थी. किसी अपने को खोने का दुख क्या होता है. इस दर्द को सुनील दत्त ने समझा था. और उन्होंने अन्य लोगों के लिए नरगिस कैंसर फाउंडेशन की शुरुआत की थी. आज उनकी मौत के बाद उनकी बेटी प्रिया दत्त इसका संचालन कर रही हैं.शेखर सुमन ने भी अपने बेटे की मौत के बाद एनजीओ की शुरुआत की थी. दरअसल, यह जिंदगी की हकीकत है. जो  जब किसी व्यक्ति के सामने आती है. और वह खुद इसका साक्षी रहता है तो उससे सीख लेता है. यही वजह है कि जब वे खुद या किसी अपने को उससे जूझते हुए या तकलीफ में देखते हैं तो वे खुद भी उस दर्द को महसूस करते हैं. इसके बाद उनके लिए जिंदगी में पैसे से अधिक भावनाओं की अहमियत हो जाती है. यही भावनाएं दूसरों के लिए मदद बन जाती है.

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