20120622

कलाकारों की मजबूत गैंग

फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर आज रिलीज हो रही है. फिल्म में कलाकारों का चयन फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी और ताकत साबित होगी.बॉलीवुड को यह ट्रेंड अपनाना चाहिए और ऐसी कहानियां लिखी जानी चाहिए, जहां छोटे किरदार भी दमदार साबित हों. इससे न सिर्फ नये कलाकारों को मौका मिलता है बल्कि अलग तरह की फिल्में भी दर्शकों के सामने अच्छी फिल्में भी आयेंगी. यह फिल्म के कास्टिंग निर्देशक मुकेश छाबड़ा की समझ व अनुराग के विजन का कमाल है कि उन्होंने कहानी के अनुसार हर किरदार पर होमवर्क किया है. परदे पर उनकी मेहनत नजर आती है. अक्सर, हम फिल्में देखते वक्त यह बात करने लगते हैं कि अरे, इस फिल्म में वह किरदार अधिक परफेक्ट होता. लेकिन यहां कुछ मिसपरफेक्ट नहीं लगता. लेकिन गैंग्स आपको कहीं किसी कमी का एहसास नहीं होने देती. फिल्म में मनोज बाजपेयी के पिता का किरदार निभा रहे जयदीप अहलवातास को देख कर आप चौंकेंगे, चूंकि जयदीप हूबहू मनोज की तरह नजर आते हैं. कुछ इसी तरह तिग्मांशु धूलिया की जवानी का किरदार निभा रहे पात्र हूबहू तिग्मांशु से नजर आते हैं. ऐसे चुनाव से यह जाहिर होता है कि किसी फिल्म का कास्टिंग निर्देशक भी अगर विजनरी हो तो फिल्मों को बेहतरीन एक्टर मिल जाते हैं. नवाजुद्दीन , विनीत सिंह, ऋचा चड्डा, पीयूष मिश्रा के साथ साथ दो दृश्यों में नजर आये वाराणसी के बंदूक की सप्लाइ करनेवाले किरदार, पुलिस के किरदार में अभिनेता प्रणय भी अपना असर छोड़ जाते हैं. रामधीर की पत्नी के दो संवाद के किरदार भी आपको याद रह जाते हैं.

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