20120618

फिल्मों को भी एग्जाम देना पड़ता है


 गौरी शिंदे की फिल्म इंग्लिश-विग्लिंश के ट्रेलर में श्रीदेवी सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट पढ.ती हुईं खुद से सवाल कर रही हैं कि फिल्मों को भी एग्जाम देना पड़ता है? यह वाकई अहम सवाल है. वर्ष 1920 से लेकर अब तक हर शुक्रवार को फिल्में सिनेमाघर तक सेंसर बोर्ड की परीक्षा से पास होकर पहुंचती रही हैं, लेकिन किसी दौर में इसके कठोर नियम निर्देशकों के लिए परेशानी का सबब बन जाया करते थे. हिंदी सिनेमा में बदलते समय के साथ जिस तरह सिनेमा ने अपना अंदाज बदला है. उसके साथ ही सेंसर बोर्ड ने भी सकारात्मक रुख अपनाया है. एक दौर में निर्देशकों को छोटी-छोटी बातों पर ए सर्टिफिकेट थमा दिया जाता था, जिसके कारण पारिवारिक फिल्म होने के बावजूद उनकी फिल्में सभी तक नहीं पहुंच पाती थीं. आज भले ही निर्देशक खुशी-खुशी फिल्मों की कांट छांट की बजाय ए सर्टिफिकेट को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन एक जमाने में निर्देशकों को क.डे नियमों की वजह से बेहद नुकसान हो जाया करता था. ऋषि कपूर ने स्वयं स्वीकारा है कि फिल्म बरसात को सिर्फ इसलिए ए सर्टिफिकेट दिया गया था. चूंकि इस फिल्म में नायिका ने सलवार-कमीज के साथ दुपट्टा नहीं लिया था. भारतीय सेंसर बोर्ड की सोच उसके आधार व नियमों पर हमेशा से मतभेद होते रहे हैं. इससे संबंधित कई दिलचस्प किस्से भी सामने आते रहे हैं. एक बार अभिनेत्री नूतन को भी इसका खमियाजा भुगतना पड़ा था. नूतन ने जिस फिल्म में अभिनय किया, उसी फिल्म को सिनेमाघरों में देखने के लिए उन्हें मना कर दिया गया, क्योंकि उस समय नूतन की उम्र 14 वर्ष की थी और फिल्म को ए सर्टिफिकेट मिला था. कुछ ऐसा ही हुआ था फिल्म चौदहवीं के चांद के वक्त भी. फिल्म चौदहवीं का चांद के टाइटिल गीत को गुरुदत्त ने अपनी जिद्द से रंगीन में फिल्माया था. जबकि उस दौर में फिल्मों को रंगीन में शूट करना बेहद कठिन था. लेकिन वह जमाना रंगीन का आ चुका था. गुरुदत्त ने बमुश्किल इस गाने को रंगीन में शूट किया. तरह-तरह के लेंस लगा कर. हालत यह थी कि लेंस की रोशनी से वहीदा परेशान हो जाया करती थीं. लेकिन गुरुदत्त की जिद के सामने सब फेल. उन्हें बर्फ लगा लगा कर शूटिंग करनी पड़ी. लेकिन अफसोस तो तब हुआ. जब गाना रंगीन में आया और सेंसर के पास गया, तो उन्होंने गाने को ईल घोषित कर दिया. गुरुदत्त ने सवाल उठाया कि जो गीत ब्लैक एंड व्हाइट में ईल नहीं. वह अभी ईल कैसे. इस पर सेंसर ने कहा, वहीदा की आंखों में रंगीन होने की वजह से उत्तेजना झलकती है.

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