20120202

अपनी कहानी, धारावाहिक की जुबानी


टेलीविजन पर इन दिनों ऐसे कई धारावाहिक प्रसारित हो रहे हैं, जिनकी कहानियां उसके लेखक व निर्माताओं की अपनी वास्तविक जिंदगी की कहानी व अनुभवों पर आधारित है. अनुप्रिया अनंत की रिपोर्ट

जीटीवी के धारावाहिक अफसर बिटियां की इन दिनों बेहद तारीफ हो रही है. धारावाहिक की कहानी एक ऐसी लड़की की कहानी है. जो, गांव में रहकर भी अफसर बनने का ख्वाब देखती हैं. यह कहानी हर उस लड़की को बेहद पसंद आ रही है, जो इस तरह ख्वाब देखती है और सच्चाई यह है कि भारत में ऐसी लड़कियों की संख्या बहुत है. अफसर बिटिया ही नहीं बल्कि बालिका वधू, दीया और बाती हम भी कुछ ऐसे ही धारावाहिक हैं, जो लेखक या इसके निर्माता की अपनी जिंदगी पर आधारित होती हैं और ऐसे धारावाहिक दर्शकों के दिल में जगह बनाने में इसलिए भी कामयाब हो पाते हैं, क्योंकि कहीं न कहीं यह कहानी सच्ची होती है. दरअसल, सच्चाई यह है कि जिस तरह कई फिल्में में लेखकों व निदर्ेशकों की अपनी कहानी नजर आती है. उसी तरह इन दिनों कई धारावाहिकों के माध्यम से लेखक अपनी कहानी बयां कर रहे होते हैं.
अफसर बिटिया-बाबा ऐसो वर ढूंढो, राकेश पासवान
जीटीवी पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक अफसर बिटिया की सोच मूलतः निर्माता व लेखक राकेश पासवान की है. राकेश पासवान स्वयं झारखंड के चाईबासा इलाके से संबंध्द रखते हैं. उन्होंने मुंबई आने के बाद एक लंबे संघर्ष के बाद अपना मुकाम हासिल किया. लेकिन बतौर लेखक यह उनकी खासियत रही है कि वह लगातार अपने जीवन के अनुभवों व अपनी कहानी को अपने धारावाहिकों से बयां कर रहे हैं. गौरतलब है कि उन्होंने ही टेलीविजन इतिहास में पहली बार किसी बौने किरदार को लीड किरदार में ढाला और बाबा ऐसो वर ढूंढो की सोच रखी. इस धारावाहिक में मुख्य किरदार निभा रही जूही असलम आज लोकप्रिय नाम बन चुकी हैं. राकेश ने यह कहानी अपने अनुभव के आधार पर लिखा था. किसी पारिवारिक शादी में जब उनका सामना किसी ऐसी ही लड़की से हुआ था और लोग उसे तिरस्कृत कर रहे थे. ऐसे में राकेश ने महसूस किया कि उन्हें यह कहानी कहनी चाहिए. सो, उन्होेंने इस धारावाहिक का निर्माण किया. अफसर बिटिया की सोच भी उनकी अपनी वास्तविक जीवन पर ही आधारित है. अफसर बिटिया की कहानी राकेश ने अपनी बहन की जिंदगी से प्रेरित होकर लिखी है. उनकी बहन जो अब झारखंड में ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर हैं. उनकी जिंदगी पर ही आधारित है. इसलिए इस शो का आधार भी बिहार के भागलपुर इलाके को चुना गया है. बकौल राकेश मैंने यह कहानी अपनी बहन की जिंदगी पर लिखी है. मैं इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ हूं कि किसी छोटे से स्थान की लड़की के लिए आइएस बनने का ख्वाब देखना और उसे पूरा करना कितना कठिन है. मैंने उसी से प्रेरित होकर यह कहानी कही है. यह उन तमाम लड़कियों की कहानी है. जो ऐसा ख्वाब देखती हैं. अफसर बिटियां में मुख्य किरदार मिताली नाग निभा रही हैं. धारावाहिक का निदर्ेशन झारखंड-बिहार से ही संबंध्द रखनेवाले प्रभात प्रभाकर कर रहे हैं.

बालिका वधू, पुणेंद्रु शेखर
कलर्स पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक बालिका वधू के लेखक पुणेंद्रु शेखर ने बालिका वधू की कहानी किसी फिल्म के लिए लिखी थी. लेकिन काफी दिनों तक यह सपना न पूरा हो पाया तो उन्होंने इसे धारावाहिक का रूप दिया. उन्होंने इस शो की कहानी अपनी मां के जीवन से प्रेरित होकर लिखी थी. बकौल पुणेंद्रु यह सच है कि मेरी मां की शादी बहुत छोटी उम्र में हो गयी थी. और मैंने उन्हें ऐसी कई परिस्थितियों का सामना करते देखा था. उन्हीं अनुभवों को मैंने बालिका वधू की कहानी में संग्रहित करने की कोशिश की है.
दीया और बाती हम ः शशि व सुमित मित्तल
स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक दीया और बाती की कहानी में एक आइएस बनने का ख्वाब देख रही लड़की की शादी एक हलवाई से हो जाती है. यह कहानी सुमित मित्तल ने अपनी जिंदगी से जुड़ी कहानी के आधार पर लिखी है. वह कभी पानीपुरी बेचते थे और उनकी शादी भी ऐसी ही लड़की से हुई जो आइएस की पढ़ाई पूरी करना चाहती थी. हमारी कहानी भी सूरज और संध्या जैसी ही थी. सो, जब हमने चैनल को यह कहानी सुनाई वह तैयार हो गये और फिर दीया बाती का निर्माण हुआ.
बॉक्स मेंन
माही वे, सोनी टीवी
सोनी टीवी पर प्रसारित हो चुके धारावाहिक माही वे की कहानी भी लेखक की वास्तविक जिंदगी पर आधारित थी. माही का किरदार निभा रही पुष्टि की कहानी भी शो की कहानी से मिलती जुलती थी.
इसके अलावा प्रतिज्ञा की कहानी के लेखक शांति भूषण ने भी अपने जिंदगी के कई अनुभवों को प्रतिज्ञा शो के माध्यम से दर्शाया है. अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो की कहानी के संदर्भ भी शांति भूषण ने अपने अनुभव के आधार पर लिये हैं,

कोटेशन ः राकेश पासवान.
मेरा मानना है कि वास्तविक जिंदगी व वास्तविक अनुभवों पर आधारित कहानी दर्शकों को अधिक लुभाती है और वे खुद को उन सीरियल व किरदारों से जोड़ पाते हैं, क्योंकि वह सच्चे होते हैं और वह वास्तविक लगते हैं और कई लोगों की कहानियां उनकी ही होती है. धारावाहिकों के माध्यम से ऐसी प्रेरित कहानियों को दर्शाना ही चाहिए.मैं मानता हूं कि किसी भी लेखक को प्रेरणा उसके अनुभवों से ही मिलती है. अगर वह इस पर पारखी नजर रखे तो.

No comments:

Post a Comment