20111229

कमाल कलम का



रॉकस्टार के जॉर्डन ने रॉक किया तो डर्टी पिक्चर की सिल्क ने सबको चौंकाया. दरअसल, वर्ष 2011 हिंदी सिनेमा के लिए कल्पनशीलता का साल रहा. जिसने भी क्रियेटिवीटी दिखायी. वही चहेते बने. ऐसा कई सालों के बाद हुआ जब केवल फिल्मों के कलाकारों को ही सुपरस्टार की उपाधि नहीं दी गयी, बल्कि उन सभी को ख्याति मिली. पहचान मिली. सराहना मिली. जो इसके योग्य थे. और इस क्रम में सबसे अधिक तवज्जो मिली उन सभी को जिनके कलम ने कमाल दिखाया. फिर चाहे वह गीतकार के रूप में हो या फिर लेखक के रूप में. इस वर्ष कई नयी प्रतिभाओं को मौके मिले तो साथ ही साथ पहले से सक्रिय रहे लेखकों को भी अपनी वास्तविक पहचान हासिल करने में सफलता मिली. कह सकते हैं कि इस वर्ष असल सुपरस्टार तो फिल्म की कहानियां, उसके किरदार व गीत रहे.
1. जेसिका के साथ न्याय ः राजकुमार गुप्ता
बॉलीवुड के वर्ष 2011 की सबसे अच्छी शुरुआत हुई निदर्ेशक राजकुमार गुप्ता की फिल्म नो वन किल्ड जेसिका से. जेसिका लाल हत्याकांड पर जहां वर्षों से लोगों का ध्यान नहीं गया था. दोबारा राजकुमार ने अपनी कहानी के माध्यम से लोगों के सामने जेसिका की कहानी कही. निदर्ेशन के साथ साथ राजकुमार ने फिल्म की कहानी लिखने की जिम्मेदारी पूरी की व जेसिका लाल हत्याकांड से जुड़े सभी अहम पहलुओं को खूबसूरती से उभारा. सबरीना के किरदार में विद्या व मीरा के किरदार में रानी को खूब सराहना मिली. महिला प्रधान फिल्मों में नो वन वर्ष की पहली व सफलतम फिल्मों में से एक रही.
2. राज शेखरः रंगरेज मेरे...
फिल्म तनु वेड्स मनु से दर्शकों को खास उम्मीद नहीं थी. लेकिन फिल्म के रिलीज होने के साथ साथ दर्शकों को तनु और मनु से तो प्यार हुआ ही. साथ ही फिल्म के गीतों ने भी दर्शकों के दिलों में जगह बनायी. पूरे वर्ष फिल्म के गीत दर्शकों की जुबां पर रहे. खासतौर से रंगरेज मेरे... व कितने दफे...गीत की लोकप्रियता के साथ ही नवोदित गीतकार के रूप में राज शेखर ने अच्छी शुरुआत की. राज के गीतों को वडाली ब्रदर्स जैसे दिग्गजों ने आवाज देकर गीत की गरिमा और बढ़ा दी. इस वर्ष के लोकप्रिय फिल्मी गीतों के एल्बम में तनु वेड्स मनु को भी बेहद पसंद किया गया.
3.हिमांशु शर्मा ः तनु-मनु की शादी हुई सफल
यह एक रिस्क था. चूंकि सभी जानते थे कि वर्ल्ड कप के दौरान रिलीज हुई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं दिखा पाती. लेकिन यह फिल्म के लेखक हिंमाशु शर्मा का ही कमाल था, जिन्होंने तनु और मनु की शादी में शामिल होने के लिए दर्शकों को मजबूर ही कर दिया. मुंबई से दूर कानपुर, लखनऊ, दिल्ली की पृष्ठभूमि पर आधारित प्रेम व शादी के विषय को खूबसूरती से पिरोया हिमांशु ने. नतीजन वर्ष 2011 में दर्शकों ने तनु मनु की शादी में खूब एंजॉय किया.

4. इरशाद कामिल ः कुन फाया कुन...
इम्तियाज अली की फिल्म रॉकस्टार के गीतों ने खूब धमाल मचाया. फिल्म के गीत कुन फाया कुन, साडा हक्क, राजा रानी...सभी गीतों के शब्द दर्शकों की जेहन में बस गये. वजह यह थी कि फिल्म के गीतकार इरशाद कामिल उन्हीं शब्दों को चुना, जो बेहद भावपूर्ण थे. सभी गाने एक दूसरे से भिन्न होते हुए भी एक से थे. कह सकते हैं कि हर गीत खुद में एक कहानी बयां कर रहे थे.कुन फाया कुन में दुनिया की सच्चाई नजर आयी तो साडा हक्क में युवाओं की तड़प, कत्या करूं में एक औरत की व्यथा तो राजा रानी में दो प्रेमियों का प्यार, बर्बाद करे अल्फाज में एक प्रेमी की बेबसी. इरशाद के गीतों ने फिल्म के किरदार जॉर्डन को निखारने में बेहद मदद की. लेखक के साथ साथ वे भी बधाई के पात्र हैं. हालांकि इरशाद ने इससे पहले भी कई फिल्मों के लिए गीत लिखे हैं. लेकिन रॉकस्टार से उन्हें खास पहचान मिली है.

5.तिंग्माशु धुलिया- संजय चौहानः साहेब, बीवी और हिट
फिल्म साहेब, बीवी और गैंगस्टर की रिलीज के साथ बॉक्स ऑफिस पर आठ फिल्में रिलीज हुई थीं. चूंकि फिल्म का खास प्रमोशन नहीं किया गया था, सो,इसके मेकर्स ने भी नहीं सोचा था कि फिल्म को दर्शकों के साथ साथ समीक्षकों द्वारा भी सराहा जायेगा. लंबे अंतराल के बाद किसी फिल्म के संवाद बेहद लोकप्रिय हुए. यह कमाल था फिल्म के निदर्ेशक तिंग्माशु धुलिया व लेखक संजय चौहान का. दोनों के सामांजस्य से बेहतरीन पटकथा तैयार हुई और वन लाइनर संवादों ने धूम मचायी. जिमी शेरगिल के करियर को फिर से इसी फिल्म ने सहारा दिया.
6. रजत अरोड़ा ः एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट ः
साल की सबसे चर्चित फिल्म द डर्टी पिक्चर की सफलता का मुख्य श्रेय जाता है फिल्म के लेखक रजत अरोड़ा. अरसे बाद किसी फिल्म के कई संवाद बेहद लोकप्रिय हुए. रजत द्वारा ही कलमबध्द गीत उ लाला... साल के लोकप्रिय गीतों में शीर्ष पर है. खुद विद्या ने माना कि फिल्म की कामयाबी के असली हकदार रजत अरोड़ा भी हैं. रजत ने सिल्क के किरदार के मुताबिक पूरी फिल्म की कहानी गढ़ी. बिना किसी अपशब्दों का इस्तेमाल किये उन्होंने बोल्ड फिल्म लिखी. रजत ने इस फिल्म के कहानी के माध्यम से हिंदी सिनेमा में महिलाओं पर आधारित बोल्ड विषयों पर फिल्में बनाने की दिशा दी.
7. असली रॉकस्टार ः इम्तियाज अली
प्रेम कहानियों को अलग ही दृष्टिकोण देनेवाले इम्तियाज इस बार भी प्रेम कहानी ही लेकर आये. लेकिन इस बार प्रेम कहानी के अंत ने सबको झकझोर कर रख दिया. एक आम युवा की रॉकस्टार बनने के सफर में प्रेम व दर्द की अहम भूमिका को बेहतरीन ढंग से दर्शाया इम्तियाज ने. नतीजन जॉर्डन वर्तमान युवा पीढ़ी के नये आयकन के रूप में उभर कर सामने आया.
8. दिल को कर दिया पैंचर ः अक्षत वर्मा
तमाम विवादों के बावजूद अक्षत फिल्म डेली बेली की पटकथा से युवा दर्शकों को आकर्षित करने या यूं कहें चौंकाने में कामयाब रहे. लेखक अक्षत ने परंपरागत किरदारों को नये लुक के साथ नयी भाषा दी. और वे युवा दर्शकों को लुभाने में कामयाब भी रहे. शहरी युवाओं को ध्यान में रख कर बनाई गयी फिल्म को छोटे शहरों के युवाओं ने भी पसंद की.
9. ईमानदार व नेक संदेशवाहक ः विकास बहल-नितेश तिवारी
बड़े व गंभीर संदेश को बच्चों के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाती फिल्म चिल्लर पार्टी एक ईमानदार व नेक फिल्म है. फिल्म के लेखक विकास बहल व नितेश तिवारी ने बच्चों पर आधारित अलग तरह की फिल्म का निर्माण किया. जिसमें मस्ती भी थी. एक गंभीर मुद्दा भी. और उसके उपाय भी.
10.युवा लड़कों के पंचिंग स्टारः लव रंजन
इस वर्ष युवा लड़कों की सबसे पसंदीदा फिल्म रही प्यार का पंचनामा. फिल्म के वे दृश्य सबसे अधिक लोकप्रिय हुए. जहां अपनी प्रेमिका से तंग आ चुका प्रेमी अपने पूरे संवाद में लड़कियों के व्यक्तित्व की गाथा गाता है. उस खास दृश्य से कई युवा प्रभावित हुए. टूंकि उनमें केवल लड़कियों की खामियां निकाली गयी हैं. यूटयूब में वह खास दृश्य बार बार देखे गये.
11. साली से भाग डीके तक...अमिताभ भट्टाचार्य
साल के शुरुआत में ही नो वन किल्ड जेसिका के गानों ने धमाल मचाया. नो वन के गीत आली रे साली रे से लेकर फिल्म डेली बेली के गीत भाग डीके बोस जैसे शब्दों को रचने के कारण अमिताभ भट्टाचार्य पर कई तरह के प्रश्न चिन्ह लगाये गये. लेकिन इसके बावजूद साल के सबसे लोकप्रिय गीतों की फेहरिस्त इनके नाम ही रही. मटन सांग.., इंडी की कंडी जैसे गीत भी बेहद लोकप्रिय रहे.
सोयेब मंसूर के बोल
वर्ष 2011 की बेहतरीन फिल्मों की कहानी में फिल्म बोल का नाम गिना जाना भी बेहद जरूरी है. फिल्म लाहौर के निम्न मीडिल क्लास परिवार की कहानी पर आधारित. महिलाओं से संबंधित विषयों को भी प्राथमिकता से दर्शाने की कोशिश की. खासतौर से लिंग भेद के मुद्दे को गंभीरता व बारीकि से दर्शाने की कोशिश में सोयेब मंसूर की फिल्म बोल महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है.


किरदार के करामात
वर्ष 2011 में सुपरस्टार या किसी अभिनेत्री से अधिक तवज्जो मिली किरदारों को. फिर चाहे वह किरदार मुख्य भूमिका निभा रहा हो या फिर सहयोगी कलाकार. लेखक के गढ़े जो भी किरदारों ने लीक से हट कर अभिनय किया. वे दर्शकों के चहेते बन गये.
मीरा( नो वन किल्ड जेसिका)
नो वन किल्ड जेसिका की किरदार मीरा को दर्शकों ने बेहद पसंद किया. रानी मुखर्जी ने फिल्म में एक बिंदास पत्रकार की भूमिका निभायी थी. दर्शकों को रानी इस रूप में खूब जंची.
जॉर्डन-हीर,( रॉकस्टार)
फिल्म रॉकस्टार में जर्नाधन जाकड़ से जॉर्डन में तब्दील हुए रणबीर व हीर के रूप में नरगिस फकड़ी का किरदार बेहद पसंद आया. खासतौर से जंगली जवानी व आ गंध मचायेंगे बोलते जॉर्डन व हीर के साथ दर्शकों ने भरपूर मनोरंजन किया
सिल्क( डर्टी पिक्चर्स)
साल की सबसे चर्चित व लोकप्रिय किरदार बनी फिल्म द डर्टी पिक्चर की सिल्क. सिल्क के रूप में विद्या ने अपने बोल्ड, बेबाक अंदाज से सबको चौंकाया.
सुजाना( 7 खून माफ)
अपने रास्ते से हर कांटे को बड़ी ही चालाकी से मिटाती फिल्म 7 खून माफ की सूजाना उस दर्शक वर्ग की पसंदीदा किरदार बनी, जो जूल्म सहने नहीं जूल्म का मुंह तोड़ जराब देने में भरोसा करते हैं
पप्पी, तनु, मनु( तनु वेड्स मनु)
फिल्म तनु वेड्स मनु में तनु के रूप में कंगना का बिंदास पियक्कड़ अंदाज लोगों को पसंद आया तो मनु की सादगी. लेकिन लोगों के सबसे चहेते बने पप्पी के रूप में दीपक डोबरियाल, जो सहयोगी कलाकार होने के बावजूद दर्शकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने में कामयाब रहे.
रागिनी( रागिनी एमएमएस)
रागिनी एमएमएस की रागिनी यानी केनाज ने लोगों को खूब डराया. साल भर इस किरदार की चर्चा रही.
स्टैनली( स्टैनली का डब्बा )
स्टैनली का डब्बा के स्टैनली के रूप में पार्थो गुप्ते के किरदार को खूब सराहना मिली. दर्शकों को स्टैनली के मासूमियत से प्यार हो गया.
चिल्लर पार्टी गैंग (चिल्लर पार्टी)
फिल्म चिल्लर पार्टी की गैंग जंझिया, फटका, साइलेंसर, इनसाइक्लोपिडिया, अकरम, अफलातून इत्यादि सभी किरदार बच्चों के साथ साथ बड़ों के भी फेवरिट बने.
लवली सिंह (बॉडीगार्ड)
लवली सिंह रिपोर्टिंग सर ...कहनेवाले लवली सिंह के रूप में सलमान खान ने एक बार फिर अपनी दबंगई दिखायी. खासतौर से बच्चों के पसंदीदा किरदार बना बॉडीगार्ड
रा.वन, जी.वन
वीडियो गेम पसंद करनेवाले बच्चों का फेवरिट किरदार रहे फिल्म रा.वन के किरदार रा.वन और जी.वन.
बाजीराव सिंघम( सिंघम)
पुलिस वर्दी से प्यार करनेवाले और ईमानदारी से काम करनेवाले दर्शकों के पसंदीदा किरदार बने सिंघम के बाजीराव सिंघम
सेनोरिटा( जिंदगी मिलेगी न दोबारा)
जिंदगी न मिलेगी दोबारा में सेनोरिटा एक गाने में इस्तेमाल किया गया शब्द था. लेकिन दर्शकों ने फिल्म की नायिका कट्रीना को सनोरिटा की उपाधि से नवाजा. और इस तरह यह किरदार भी बेहद चर्चित रहा.
धुनकी( मेरे ब्रदर की दुल्हन
फिल्म मेरे ब्रदर की दुल्हन में अलग तेवर में नजर आयीं कट्रीना को फिल्म के प्रशंसकों ने धुनकी के नाम की उपाधि दी.
खलनायकों के किरदारों में दर्शकों को मर्डर 2 के धीरज पांडे उर्फ प्रशांत नारायण का किरदार बेहद प्रभावशाली लगा. साथ ही सिंघम व बुङ्ढा होगा तेरा बाप के प्रकाश राव के किरदार पसंद आये.

श्रेया घोषाल ः प्रेम कहानी से चिकनी चमेली तक
वर्ष 2011 में सर्वाधिक लोकप्रिय गीतों को अपनी आवाज देने का श्रेय श्रेया घोषाल को जाता है. इस वर्ष उन्होंने सबसे अधिक गीत गाये और वे लोकप्रिय भी रहे, जिनमें उलाला... के साथ साथ तेरी मेरी प्रेम कहानी...ओ सायेबो और हाल ही रिलीज हुए गीत चिकनी चमेली गीत भी शामिल है.

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