20111204

जिन स्मिता की सिल्क सी नहीं रहीं जिंदगी


इस शुक्रवार रिलीज हुई फिल्म डर्टी पिक्चर्स के माध्यम से पहली बार किसी ऐसे व्यक्तित्व की जिंदगी उकेरी गयी है, जिसने कभी मुख्य किरदार नहीं निभाया. जिसने नाम तो किया लेकिन बदनाम होकर. उसकी जिंदगी हमेशा उलझी सी रही. वह मेकअप आर्टिस्ट थी. फिर डांसर बनी और फिर उसने अपनी अलग ही राह तय की. शोहरत हासिल करने के बावजूद उसने आत्महत्या की. किसी दौर में अपनी जिंदगी से आजिज आकर कई ऐसी अभिनेत्रियों ने आत्महत्या कर ली थी.

सिल्क स्मिता उर्फ विजयालक्ष्मी ने तमिल फिल्म वंदी चक्करम में सिल्क का किरदार निभाया था. इस किरदार से उसे इस कदर प्यार हो गया कि उसने अपना नाम बदल कर सिल्क स्मिता रख लिया. उसने अपना नाम तो सिल्क रख लिया. लेकिन उसकी जिंदगी कभी सिल्क सी कोमल नहीं हुई. सिल्क ने अपनी जिंदगी में बहुत दुख दर्द झेले. लेकिन इसके बावजूद उसने जिंदगी में कभी डरना नहीं सीखा. वह बेबाक थी. बोल्ड थी. लेकिन बेशर्म नहीं थी. छोटी सी उम्र में उसने आर्थिक स्थिति दयनीय होने की वजह से पढ़ाई से मुंह मोड़ लिया. फिर मेकअप आर्टिस्ट बनी. लेकिन कैमरे से उसे इस कदर प्यार हुआ कि वह बैक स्टेज डांसर बन गयी. धीरे धीरे अपनी खास स्टाइल के वजह से उसे फिल्मों में काम मिलने लगा. इसके बाद पैसे तो बने. शोहरत भी मिली. लेकिन वह नाम न मिला. इज्जत नहीं मिली. इन्हीं झंझावातों की वजह से अचानक एक दिन उसने आत्महत्या कर ली. दरअसल, जिस दौर में सिल्क ने आत्महत्या की. उस दौर में ऐसी कई नायिकाएं थीं. जिन्होंने तनाव में आकर यह कदम उठाया. चूंकि उस दौर में इस तरह की नायिकाएं महज इस्तेमाल करनेवाली वस्तु बन कर ही रह गयी थीं. उनकी जिंदगी पैसे बनानेवाली फिल्मों की पोस्टर गर्ल से अधिक नहीं रही. एक दौर में हर निदर्ेशक उन्हें अपनी फिल्म में लेते. लेकिन जैसे जैसे उनकी उम्र बढ़ी. काम नाम, पैसा शोहरत सबकुछ हाथ से जाने लगा. इस तनाव का बोझ सह पाने के कारण कई अभिनेत्रियों ने आत्महत्या की. इनमें सिल्क स्मिथा की चर्चा सबसे अधिक इसलिए हो रही है. चूंकि विद्या बालन अभिनीत डर्टी पिक्चर्स सिल्क की जिंदगी से प्रभावित है. ऐसे समय में निश्चित तौर पर ऐसी कुछ और अभिनेत्रियों की चर्चा करना बेहद जरूरी है, जिन्होंने एकल जीवन से मुक्ति के लिए आत्महत्या कर ली. खासतौर से तमिल फिल्म इंडस्ट्री की कई अभिनेत्रियों ने ऐसा कदम उठाया. यह विषय भी शोध का विषय है कि आखिर उस दौर में ऐसे कौन कौन से कारक थे, जो सर्वाधिक तमिल फिल्म इंडस्ट्री से ताल्लुक रखनेवाली अभिनेत्रियों को आत्महत्या की हद तक लाकर खड़ा कर देते थे.

कुमारी पद्यमिनी

1973 में कुमारी पद्यमिनी को फिल्म उलाविरी से खास पहचान मिली. वे अपनी प्रभावशाली आंखों की वजह से जानी जाती थी.किसी दौर उन्हें बहुत लोकप्रियता भी मिली. लेकिन वह हमेशा अकेली ही रहीं. अंततः उन्हें आत्महत्या कर ली. इस पर आज भी रहस्य है कि आखिर उन्होंने किन वजहों से आत्महत्या की.

उर्वशी शोबा

उर्वशी शोबा एक खानदानी फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखती थी. इसके बावजूद वे हमेशा विवादों से घिरी रही. उर्वशी ने अपने निदर्ेशक महेंद्र से प्यार किया. लेकिन महेंद्र शादी शुदा थे. उन्होंने जब उर्वशी से शादी करने से इनकार कर दिया तो उर्वशी यह दर्द नहीं सह पायी. उसने आत्महत्या कर ली.

जयलक्ष्मी

जयलक्ष्मी फटाफट जयलक्ष्मी के रूप में प्रसिध्द थी. शुरुआती दौर में उसने तेलुगु फिल्मों में काम किया. फिर तमिल फिल्मों में कदम बढ़ाया. जयलक्ष्मी ने उस दौर में कई बोल्ड सीन दिये. जिससे रातों रात वह स्टार बनी.

विजी

विजी तमिल सिनेमा की सुर्प्रसिध्द अभिनेत्रियों में से एक रहीं. लेकिन वे भी निदर्ेशकों की हवस का शिकार रही. मरने से पहले उसने एक ऑडियो टेप छोड़ा था, जिसमें उसने इस बात की चर्चा की थी कि वह आत्महत्या कर रही है और टीवी निदर्ेशक एआर रमेश की वजह से कर रही है. जिसने उसका गलत इस्तेमाल िया.

विजयश्री

तमिल सिनेमा इंडस्ट्री में पहली बार किसी अभिनेत्री ने जब आत्महत्या की, वह विजयश्री ही थी. विजयश्री बेहतरीन अदाकारा थी तमिल इंडस्ट्री में स्थापित भी थी. विजयश्री ने उस वक्त आत्महत्या कर ली, जब उसकी मां के हाथों उसके द्वारा किये गये काम की एक अश्लील फिल्म की सीडी हाथ लगी. वह यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर पायी.

लक्ष्मीश्री

लक्ष्मीश्री ने कुछ ही फिल्मों में काम किया. लेकिन उसने भी आत्महत्या का रास्ता चुना, जब उसके परिवारवालों के पास एक अश्लील सीडी पहुंची. वह भी यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर ायी.

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