20111014

प्यार की आहट भी है और हिचकिचाहट भी ः कृतिका कामरा


पाकिस्तान के लोकप्रिय धारावाहिक धूप किनारे से प्रेरित होकर सोनी टीवी एक नये धारावाहिक की शुरुआत कर रहा है. कुछ तो लोग कहेंगे नामक इस धारावाहिक में प्रेमी युगल के रूप में नजर आयेंगे कृतिका मोहनिश बहल. कृतिका इस धारावाहिक में खुले मिजाज प्यार पर विश्वास करनेवाली लड़की की भूमिका निभा रही हैं. पेश है अनुप्रिया से हुई उनकी बातचीत के मुख्य अंश

इमेजिन टीवी के लोकप्रिय धारावाहिकों में से एक कितनी मोहब्बत है की कृतिका कामरा अब और मैच्योर हो चुकी हैं.अपने प्रियवर करण कुंद्रा के साथ के बिना अब वे अपनी ऑन स्क्रीन की नयी पारी की शुरुआत कर रही हैं.

कृतिका, कुछ दिनों पहले यह खबर आयी थी कि आप अब करण के साथ ऑन स्क्रीन काम नहीं करना चाहतीं?

हां, चूंकि अब मैं चाहती हूं कि लोग यह न कहे कि हम सिर्फ साथ में ही काम कर सकते हैं. एक कलाकार को खुद में विभिन्नता लाने के लिए इस तरह के निर्णय लेने ही चाहिए.

कुछ तो लोग कहेंगे में काम करने का अवसर कैसे मिलाय

मैंने शो के निर्माता राजन शाही को पहले से जानती तो थी. लेकिन कभी बातचीत नहीं होती थी. एक दिन प्रोडक्शन हाउस से फोन आया कि आपको एक धारावाहिक के लिए लीड किरदार दिया जा रहा है. क्या आप करना चाहेंगी. मैं वहां गयी. मैंने स्क्रिप्ट सुनी और मैंने हां कह दी.

हां, कहने की खास वजह

चूंकि यह बिल्कुल अलग तरह की प्रेम कहानी को बयां करनेवाली कहानी थी. उम्र में बड़े हैं मोहनिश. और मैं छोटी हूं. फिर भी दोनों में प्यार है. प्यार की आहट है और हिचकिचाहट भी है. मैंने ऐसी प्रेम कहानियां पहले भी सुनी थी और पढ़ी थी. देखी नहीं थी. सो, हां कह दी.

लेकिन यह कहानी तो पूरी तरह धारावाहिक धूप किनारे से प्रेरित है.

जी हां, आप बिल्कुल सही कह रही हैं. लेखक कमलेश की कहानी धूप किनारे की कहानी से प्रेरणा मिली. लेकिन जिस वक्त इस धारावाहिक का प्रसारण होता था. उस वक्त मैं बहुत छोटी थी. सो, मैंने अब जाकर इस शो के दौरान धूप किनारे के सारे एपिसोड यू टयूब पर देखे.

क्या शो में संवादों को लेकर कोई परेशानी हुई?चूंकि कहानी पाकिस्तानी कहानी से प्रेरित है तो शब्द कठिन रहे होंगे आपके लिए.

जी बिल्कुल नहीं. धूप किनारे को आज के दौर में ढाल कर लिखने की कोशिश की गयी है. इसकी वजह से कहानी में ताजगी है. इसके अलावा इसे पूरी खूबसूरती से गढ़ा गया है. संवाद बिल्कुल सामान्य हैं. मैं तो शुक्रगुजार हूं कमलेश जी की जिन्होंने सरल लेकिन खास संवाद लिखे हैं.

मोहनिश काफी वरिष्ठ कलाकार रहे हैं. उनके साथ काम करने में कोई परेशानी महसूस नहीं हुई?

बिल्कुल नहीं, मैं और मेरी मां हमेशा से मोहनिश के फैन रहे हैं. मैं उनकी सारी फिल्में देखती थी. चूंकि मुझे उनके किरदार बहुत अच्छे लगते थे. या यूं कह लें आदर्शवादी लगते थे. और मैं हमेशा सोचा करती थी कि मेरे पति ऐसे ही हों. सो, जब उनके साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मिला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लेकिन मैंने आज तक उन्हें कभी यह नहीं बताया कि मैं बचपन से उनके किरदारों से प्यार करती थी.

और करण क्या कहते हैं मोहनिश और आपकी जोड़ी को लेकर.

वह हमेशा यही कहते हैं कि मोहनिश जी जैसे कलाकारों के साथ काम करने से हमेशा नया सीखने का मौका मिलता है. सो मैं उनसे ज्यादा से ज्यादा नयी चीजें सीखने की कोशिश करूं.

आज के दौर में कुछ...जैसी प्रेमकहानियां सफल होंगी?

हां, बिल्कुल आप देखेंगे कि दर्शक खुद ऐसी कहानियों से खुद को जोड़ लेंगे. हम सबकी जिंदगी में प्यार तो बस हो ही जाता है. कभी भी किसी से भी. कई लोगों को अपने शिक्षक से ही हो जाता है. तो. मेरे ख्याल से यह प्रेम कहानी प्रासंगिक है.

लेकिन ऐसी कहानियों को समाज में उचित नहीं माना जाता.

जी, इसलिए तो हमने इस शो का नाम ही रखा है कि कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना. लेकिन आपने जब वी मेट देखा होगा न. करीना कहती है न कि प्यार में कुछ भी सही या गलत नहीं होता. प्यार तो बस प्यार होता है.

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