20110915

भोजपुरी दर्शकों के लिए खास



टेलीवुड के लिए बाबा ऐसो वर ढूंढो लुटेरी दुल्हन जैसे शो का निर्माण कई धारावाहिकों का लेखन कर चुके झारखंड के राकेश पासवान अब भोजपुरी गुजराती धारावाहिकों की ओर कदम बढ़ा रहे हैं. महुआ टीवी के साथ यह उनकी नयी शुरुआत है. शो में बिहार के कई नये कलाकारों को मौके मिल रहे हैं.

एक बौनी लड़की की जिंदगी पर आधारित कहानी बाबा ऐसो वर ढूंढ़ो से भारती उर्फ जूही का नाम हर घर में स्थापित हो गया. किसी बौनी लड़की की जिंदगी की वास्तविक कहानी पर भी धारावाहिक का निर्माण किया जा सकता है. इसी नेक सोच से राकेश पासवान ने शो का निर्माण लेखन किया. वह इसमें सफल भी रहे. उनके इस प्रयोग ने सिर्फ जूही को बल्कि आगरे की आम लड़की को चुनिंदा कलाकारों की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया. इस सफलता के बाद अब वह अपनी नयी शुरुआत महुआ टीवी के साथ कर रहे हैं. महुआ टीवी पर 19 सितंबर से शुरू किया जा रहा है. बकौल राकेश इस शो का निर्माण दो भाषाओं में किया जा रहा है. गुजराती और भोजपुरी भाषा की पृष्ठभूमि बिहार के छोटे से स्थान पुनपुन की है. शो का कंसेप्ट यही है कि एक लड़का है जिसके पिता की मृत्यु हो चुकी है. उस लड़के की पांच बहनें हैं. पिता की मृत्यु के बाद अपनी पांचों बहनों की जिम्मेदारी भाई पर जाती है. पांचों बहनें व्यवहार में एक दूसरे के विपरीत हैं. इसके बावजूद भाई सबका ख्याल रखता है. कहानी में मोड़ तब आता है जब उनकी जिंदगी में भाई की पत्नी का प्रवेश होता है. पांचों ननद अपने अपने तरीके से उन्हें परेशान करने की कोशिश करती है. ऐसी परिस्थिति में एक भाभी कैसे सामना करती है और परिवार में सामंजस्य बना कर रखती है. यही शो का असली आधार है. इस शो में बिहार झारखंड के नये कलाकारों को मौका दिया गया है. चूंकि राकेश मानते हैं कि मूलतः झारखंड से संबंध्द रखते हुए यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे झारखंड और बिहार के लोगों को मौके दें. शो का निदर्ेशन झारखंड के प्रभात प्रभाकर करेंगे. चूंकि इसी शो का निर्माण गुजराती भाषा में भी किया जा रहा है. तो इस बारे में राकेश का कहना है कि यह सच है कि हर प्रदेश का तौर तरीका, रहन सहन सब अलग होता है. लेकिन रिश्ते हर जगह एक से होते हैं. परिवार एक सा होता है और परिवार की बातें एक सी होती हैं. वे कहते हैं कि अगर ऐसा होता तो क्योंकि सास भी कभी बहू जो अब तक टेलीविजन के इतिहास का सबसे बड़ा शो है, गुजराती पृष्ठभूमि के बावजूद पूरे भारत में लोकप्रिय नहीं होता. चूंकि हर जगह परिवार में ऐसी कहानियां होती हैं. ऐसे ही रिश्ते होते हैं और रिश्तों में उतार चढ़ाव होता है. तो निश्चित तौर पर गुजराती संस्करण में भी यह कहानी पूरी तरह से फिट बैठती है. भाग्यविधाता, कुलवधु, हमारी देवरानी, बाबा ऐसो वर ढूंढो, लुटेरी दुल्हन जैसे धारावाहिकों का लेखन निर्माण करने के बाद अब उन्होंने भोजपुरी चैनल की तरफ कदम इसलिए बढ़ाया है. चूंकि धीरे धीरे भोजपुरी दर्शकों की रुचि बढ़ी है और दर्शक नयी कहानियां देखना चाहते हैं. नयी चीजें देखना चाहते हैं. यही वजह है कि अब बालाजी भी भोजपुरी सीरियल के निर्माण में जुट गया है. राकेश को पूरी उम्मीद है कि उनके बाकी धारावाहिकों की तरह उन्हें इस शो के माध्यम से भी दर्शकों का प्यार जरूर मिलेगा.

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